लोकसभा चुनाव के नतीजे बंगाल में बदलाव की नींव रखेंगे : शाह

पुरुलिया। एबार बांग्ला (इस बार बंगाल) के नारे के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मिशन बंगाल की शुरुआत कर दी है। शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की आधी से ज्यादा सीटों को जीतने का दावा किया। साथ ही कहा कि यह परिणाम राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार की नींव रखेगा।
पुरुलिया से अभियान शुरू करने की सबसे बड़ी वजह यहां पर पंचायत चुनाव के बाद भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या रही। इसे लेकर इस पूरे क्षेत्र में आक्रोश है। पुरुलिया की रैली में जुटी भीड़ से यह आक्रोश दिखा भी। शाह ने शहीद हुए तीनों कार्यकर्ताओं जगन्नाथ कुंडु, त्रिलोचन महतो और दुलाल कुमार के परिजनों का मंच पर सम्मान किया और अपनी शोक संवेदना भी व्यक्त की। शाह ने मंच से ही ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की संस्कृति हिंसा की नहीं रही है जो ऐसा करेगा उसे यहां की प्रबुद्ध जनता बाहर का रास्ता दिखा देगी। यह रामकृष्ण, विवेकानंद, टैगोर, बंकिमचंद्र, बसु और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमि है।
सितम ढाने वालों का ज्यादा लंबा समय नहीं होता
शाह ने कहा कि पंचायत चुनाव गांवों की समितियों के चुनाव हैं, इससे ममता बनर्जी सरकार को कोई खतरा नहीं था, लेकिन राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुन-चुनकर भाजपा के बीस कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्या की गई है। कई कार्यकर्ता जख्मी हुए। दो करोड़ लोगों को वोट नहीं डालने दिया। इससे साफ है कि ममता बनर्जी भयभीत हैं। शाह ने कहा कि लोकतंत्र में सितम ढाने वालों का समय लंबा नहीं होता है।
पहले बंगाल की जमीन संभालें ममता
भाजपा अध्यक्ष ने ममता बनर्जी की विपक्षी एकता की कोशिशों पर भी जोरदार कटाक्ष किया और कहा कि महागठबंधन बनाना अच्छी बात है, लेकिन पहले अपना बंगाल संभाल लें। यहां उनकी जमीन खिसक रही है। शाह ने बंगाल के विकास और केंद्र से आने वाले धन के दुरुपयोग पर भी ममता बनर्जी की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की जनता ने विकास के लिए चलो पलटाई कर दिया, अब बंगाल की बारी है।
हिंदी पोस्टर से पटा पुरुलिया
शाह के आने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने पूरे शहर को ममता बनर्जी के पोस्टर, होर्डिंग, बैनर और पार्टी के झंडों से पाट दिया था। इससे भाजपा के लिए अपनी रैली के लिए झंडा, पोस्टर, बैनर लगाने की दिक्कत खड़ी हो गई। खास बात यह थी कि ममता के पोस्टर बांग्ला के बजाए हिंदी में लगाए गए थे। शाह ने इस पर कटाक्ष भी किया और कहा कि ममता को हिंदी में लिखवाने की क्या जरूरत थी, मैं किसी से भी अनुवाद करा सकता था।
संपर्क भी किया
इसके पहले शाह ने लागदा गांव में संपर्क अभियान के तहत पांच परिवारों के घर जाकर संपर्क किया। हालांकि कार्यक्रम में कुछ गड़बड़ी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर शाह ने नाराजगी भी दिखाई।