कहीं आपके घर में भी तो इस जगह नहीं रखा शू रैक

वास्तु विज्ञान में उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम चारों मूल दिशाएं हैं। चार दिशाओं के अलावा 4 विदिशाएं हैं। आकाश और पाताल को भी इसमें दिशा स्वरूप शामिल किया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर आदि में हर चीज़ रखने के लिए एक फिक्स जगह बताई गई हैं। अगर व्यक्ति इन दिशाओं को ध्यान में रखकर अपने घर-दुकान को सजाए तो वो कईं तरह की कठिनाईयों से बच सकता है।
आज के फैशन के इस दौर में हर कोई स्टाइलिश बनना चाहता है जिसके लिए वो कपड़े तो स्टाइलिश पहनता ही है, साथ ही उन कपड़ों के मैंचिंग जूते भी पहनता है। क्योंकि अक्सर कहा जाता है कि जूतों से ही किसी का स्टेटस पता चलता है। लेकिन क्या आप जानतें हैं इन जूतों को सही तरह से न रखने पर आपके साथ कुछ गलत हो सकता है। वास्तु के अनुसार इन जूतों को सही दिशा व स्थान पर न रखने से अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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वास्तु के अनुसार शू रैक या शू कैबिनेट हमारे घर के फर्नीचर का एक अहम हिस्सा बन गया है। आज हम आपको शू रैक रखने के वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।
शू रैक रखने की आदर्श दिशाएं पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम के कोने हैं।
इसे कभी उत्तर, दक्षिण-पूर्व या पूर्व की दिशाओं में नहीं रखना चाहिए।
घर की एंट्रेंस उत्तर या पूर्व में है तो शू रैक को इस इलाके में न रखें। अगर एेसा संभव नहीं है तो इसे घर के बाहर रखें।
खुले हुए शू रैक की जगह बंद शू कैबिनेट लाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह घर में नकारात्मकता फैलने से रोकता है।