नई दिल्ली । देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बिल्कुल कम हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को एक दिन में 1,260 नए मामले आए थे। इस बीच ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया एक्सई वेरियेंट पाए जाने के बाद दुनिया फिर से सतर्क हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है कि एक्सई वेरियेंट संक्रमण फैलाने के लिहाज से अब तक के सभी कोरोना वेरियेंट से आगे निकल सकता है। 
एक्सई वेरियेंट, ओमीक्रोन बीए.1 और बीए.2 का मिलाजुला रूप है। इसे रिकॉम्बिनेंट वेरियेंट कहा जा रहा है। वायरस का रिकॉम्बिनेंट वेरियेंट तब पैदा होता है, जब कोई व्यक्ति एक ही समय में दो या दो से अधिक वेरियेंट्स से संक्रमित रहता है जिससे उसके शरीर में दोनों वेरियेंट्स के जेनेटिक मैटेरियल मिक्स हो जाते हैं। बहरहाल, सवाल उठने लगे हैं कि क्या दिल्ली और महाराष्ट्र में मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म करना सही है?
यूके के वैज्ञानिकों का कहना है कि एक्सई के रूप में रिकॉम्बिनेंट वेरियेंट का पाया जाना कोई नई बात नहीं है बल्कि महामारी के दौर में इस तरह के कई रीकॉम्बिनेंट वेरियेंट्स पहले भी मिल चुके हैं। हालांकि, इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि पता नहीं कौन, कब सा वेरियेंट घातक निकल जाए। इसलिए हर नए वेरियेंट को बहुत गंभीरता से परखा जाना चाहिए। अगर किसी में इम्यूनिटी को धोखा देने की क्षमता पाई जाए तो फिर सतर्कता के सारे पैमाने लागू करना ही एक उपाय होता है। इम्यूनिटी को धोखा देने का मतलब है कि वायरस वैक्सीन ले चुके लोगों को भी न केवल संक्रमित करता है बल्कि गंभीर रूप से बीमार भी कर सकता है। 
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेसिडेंट डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा, 'मास्क लगाने की अनिवार्यता अभी बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, महामारी अब भी खत्म नहीं हुई है। कई देशों, मसलन अमेरिका, इंग्लैंड, चीन, हांगकांग आदि देशों में कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि भारत में फिर से कोरोना का प्रकोप नहीं बढ़ेगा। इसलिए मुझे लगता है कि हमें तब तक कोविड प्रॉटोकॉल पालन करना चाहिए जब तक कम-से-कम एक वर्ष तक लगातार केस में ठीकठाक कमी दर्ज नहीं की जाए।
डॉ. गुप्ता जोर देकर कहते हैं कि जिन व्यस्क लोगों को छह महीने या उससे पहले कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लग गई है, उन्हें अब तीसरी यानी बूस्टर डोज भी दी जानी चाहिए। दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. रोमेल टिक्कू कहते हैं पहले भी बहुत कम लोग मास्क पहन रहे थे। अब सरकार ने मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है जिससे और भी लोग कोविड प्रॉटोकॉल का पालन नहीं करेंगे। ऐसे में अगर कोई नया खतरनाक वेरियेंट आ गया तो उसे तेजी से फैलने का मौका मिल जाएगा। दिल्ली और महाराष्ट्र में मास्क की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है, हालांकि दोनों सरकारों ने कहा है कि मास्क पहना जाना चाहिए।