मुंबई| भारतीय महिला फुटबॉल टीम की फॉरवर्ड प्लेयर संजू यादव ने कहा कि ग्रुप ए में सबसे कम उम्र की टीम हर तरह के दबाव से निपटने के लिए काफी मजबूत स्थिति में है।

संजू यादव ने कहा, "हमारी टीम में 16 से 20 साल तक के युवा हैं। लेकिन इतनी कम उम्र में सीनियर टीम के लिए खेलने का मतलब है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए।"

संजू का मानना है कि फाइनल लिस्ट में जगह बनाने वाले खिलाड़ियों को उनका शारीरिक और मानसिक आधार पर चयन किया गया है।

उन्होंने कहा, "फुटबॉल एक ऐसा खेल है जहां मानसिक योग्यता उतनी ही महत्वपूर्ण है और इन युवाओं के पास खेल में दिखाने के लिए बहुत कुछ है।"

पहला लक्ष्य अंतिम आठ चरण तक पहुंचने और फीफा महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने का है।

फुटबॉल को अक्सर एक शारीरिक खेल के रूप में समझा जाता है, लेकिन खेल में आवश्यक मानसिक फिटनेस भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जिसमें खिलाड़ियों को आगे समस्या न हो।

20 वर्षीय मनीषा कल्याण को लगता है कि पिछले कुछ वर्षो में सीनियर टीम में उनके लिए यह सीखने की प्रक्रिया रही है।

मनीषा ने कहा, "हर युवा खिलाड़ी को सीनियर फुटबॉल के लिए खुद को ढालना होता है और इस दौरान अंडर-19 टीम से लाए जाने के बाद से मुझे मैदान पर बने रहने में कुछ साल लग गए।"

मनीषा ने पिछले साल नवंबर में वल्र्ड नंबर 7 की टीम ब्राजील के खिलाफ किए गए अपने गोल से सुर्खियां बटोरी थीं।

मनीषा ने आगे कहा, "ब्राजील के खिलाफ वह गोल एक महान क्षण था और मैं समय-समय पर अपने काम को एक बार जरूर पीछे मुड़कर देखती हूं और इससे फिर से दोहराने की कोशिश करती हूं। एशियाई कप एक बहुत बड़ा मंच है। यहां एक अच्छा प्रदर्शन भारतीय फुटबॉलर को बदल सकता है।"