बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट न्यायदान के साथ ही संवेदनशीलता भी दिखा रहा है। ऐसे कैदी जो जुर्माना राशि न देने की वजह से जेलों में बंद है, उनकी रिहाई की जिम्मेदारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण निभाएगा। इसके बाद प्राधिकरण ने जेल प्रबंधन को पत्र लिखकर बंदियों की जानकारी मांगी है | छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जमानत के एक मामले की सुनवाई करते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए मामला दायर करें, जो जुर्माने की राशि जमा नहीं कर पाने के कारण जेल में बंद है।

इसके बाद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने राज्य शासन और प्रदेशभर के जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे कैदियों की सूची मांगी है। सूची मिलने के बाद प्राधिकरण की देखरेख में रिहाई के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। याचिकाकर्ता बंदियों को प्राधिकरण निश्शुल्क वकील उपलब्ध जाएगा। हाई कोर्ट से रिहाई आदेश के बाद संबंधित निचली अदालत में आवेदन पेश करना होगा। निचली अदालत में ही जुर्माने की राशि जमा होगी। यह कार्य भी प्राधिकरण के जिम्मे है।