भोपाल ।  प्रदेश में आइटी के क्षेत्र में निवेश करने वालों को वर्तमान आइटी नीति के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्तमान नीति को जारी रखने का निर्णय लिया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई नीति तैयार कर रहा है। वहीं, पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं को नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 के प्रविधानों का लाभ दिया जाएगा। प्रदेश में लागू आइटी नीति की वैधता दिसंबर, 2021 तक थी। इस अवधि को मार्च, 2023 तक बढ़ाना प्रस्तावित किया गया था, इसका मुख्यमंत्री ने अनुमोदन भी कर दिया था। सोमवार को कैबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति दी गई। वहीं, ऊर्जा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए स्टोरेज आधारित परियोजनाओं को नीति में मान्य किया गया है। इसी कड़ी में पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा निविदा प्रक्रिया संपादित करने का निर्णय लिया गया। इसमें नवकरणीय ऊर्जा नीति के प्रविधान के अनुसार विद्युत शुल्क और ऊर्जा उपकरण में छूट, स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, पंजीकरण सह सुविधा शुल्क में छूट और शासकीय भूमि उपलब्ध कराने का लाभ दिया जाएगा। बैठक में स्टेट डाटा सेंटर के विस्तार के लिए 161 करोड़ 95 लाख रुपये, हाई कोर्ट जबलपुर के परीक्षा प्रकोष्ठ के लिए 20 पदों का सृजन और नर्सिंग महाविद्यालयों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के लिए 37 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई ।