ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को क्रूर माना गया है. ऐसा कहते हैं कि शनि एक बार किसी इंसान पर भारी हो जाए तो उसकी जीवन दुखों से भर देते हैं. शनि हर इंसान को उसके कर्मों के अनुरूप फल देते हैं.

इसलिए उन्हें न्यायाधीश और कर्मफलदाता कहा जाता है. यदि कुंडली में शनि मजबूत हो तो व्यक्ति जीवन में तरक्की करता है, अन्यथा इंसान पर दुखों के पहाड़ टूटने लगते हैं. कुंडली में शनि की स्थिति को कुछ लक्षण देखकर समझा जा सकता है.

कुंडली में शनि शुभ है या अशुभ?
ज्योतिषविदों का अनुसार, यदि कुंडली में शनि अशुभ हो तो व्यक्ति दुबला पतला होने के साथ साथ कठोर वाणी और स्वभाव का होता है. व्यक्ति के बाल रूखे होते हैं. व्यक्ति लापरवाह और कामचोर स्वभाव का होता है. काम को टालता रहता है. आमतौर पर जीवन में किसी बड़ी घटना के बाद जीवन में बदलाव आ जाता है. जीवन में निम्न कर्म तथा गलत कार्य में संलग्न रहता है. कदम कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ता है.

कैसे जानें कुंडली में शनि प्रबल है?
यदि कुंडली में शनि की स्थिति बेहतर हो तो व्यक्ति लम्बा और दुबला पतला होता है. व्यक्ति के बाल घने होते हैं. व्यक्ति अनुशासित और कर्मठ होता है. खूब परिश्रम से आगे बढ़ जाता है. आमतौर पर जीवन के मध्य भाग में अध्यात्मिक भी हो जाता है. कानून, परिवहन या अध्यात्म से सम्बन्ध रखता है. विलम्ब से ही सही पर खूब धन प्राप्त करता है.

अगर शनि अशुभ हो तो क्या करें
आचरण और आहार व्यवहार शुद्ध रखना चाहिए. स्वक्छ्ता और धर्म का ठीक तरीके से पालन करना चाहिए. भगवान शिव की या भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. देर तक सोने से और देर रात तक जागने से बचना चाहिए. काले रंग के बजाय हल्के नीले रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें.