मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन एवं माननीय सदस्य  सरबजीत सिंह ने मंगलवार (17 मई) सुबह जिला मुख्यालय मुरैना स्थित वन स्टॉप सेंटर (सखी केन्द्र) का निरीक्षण किया। इस अवसर पर कलेक्टर  बी. कार्तिकेयन, पुलिस अधीक्षक  आशुतोष बागरी, सीईओ जिला पंचायत  रौशन कुमार, संयुक्त कलेक्टर  सुरेश बहरादिया, एसडीएम मुरैना  शिवलाल शाक्य और जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग  महेन्द्र सिंह अम्ब सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। आयोग के पदाधिकारियों ने वन स्टॉप सेंटर (सखी केन्द्र) का बारीकी से निरीक्षण किया और तैनात स्टाॅफ, रजिस्टर्स व यहां आने वाली पीड़ित/आश्रय वंचित/महिलाओं/बालिकाओं को दी जाने वाली सभी प्रकार की सुविधाओं व कतिपय प्रकार की समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। वन स्टॉप सेंटर की प्रशासिका श्रीमती अपूर्वा चौधरी ने बताया कि सेंटर में फिलहाल एक बालिग लड़की मौजूद है। सेंटर में 11 लोगों का स्टाॅफ है, जो सेंटर में आने वाली महिलाओं/बालिकाओं की केयर कर उन्हें हर जरूरी परामर्श देता है। उन्होंने बताया कि केन्द्र प्रवर्तित वन स्टाप सेन्टर (सखी केन्द्र)/उषा किरण (परिवर्तित नाम निर्भया) योजना (राज्य मद) के अन्तर्गत किसी भी प्रकार की हिंसा से पीडित या आश्रय वंचित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय सहायता (पांच दिवस), पुलिस सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सकीय सहायता एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श सहायता (मेंटल सपोर्ट काउन्सलिंग) आदि की तत्पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। यह सेन्टर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन कार्य करता है। वन स्टाप सेन्टर (सखी केन्द्र) के निरीक्षण के दौरान आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति  जैन ने कहा कि यह निःसंदेह एक अच्छी योजना है, जिसमें हिंसा से पीडित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की जरूरी सुविधायें/सहायता/उपचार/परामर्श उपलब्ध कराई जाती है। हिंसा पीडित/आश्रय वंचित महिलाओं एवं बालिकाओं को हर जरूरी सहायता तत्परतापूर्वक मुहैया हो, सभी विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें।