उज्जैन    मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर आवेदिका श्रीमती रीता रामेश्वर डाबी को 4 लाख 50 हजार रूपये मिल गये हैं। जिला शिक्षा अधिकारी, उज्जैन ने आयोग को इस आशय का प्रतिवेदन दे दिया है। मामला कुछ यूं है कि श्री रामेश्वर डाबी श्री रामेश्वर डाबी वर्ष 2021 में उज्जैन जिले के घट्टिया ब्लाॅक के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। इनके तीन बच्चे पढ रहे थे। परिवार में मां तीन बच्चों और सास के साथ उज्जैन की घट्टिया तहसील के ग्राम डाबरी में रहते थे। रामेश्वर कोरोना पाॅजिटिव थे, लेकिन उनके मृत्यु प्रमाण पत्र में लिखा है कि इनकी मृत्यु हाॅर्ट अटैक से हुई है। इस वजह से अस्पताल वालों की ओर से इनके परिवार के साथ अन्याय किया गया। परिवार में किसी को भी अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिल पाई। परिवार पर भारी आर्थिक बोझ आ पडा था। एक दैनिक समाचार पत्र में ‘‘सिस्टम ने ही गहरा आघात दे दिया’’ शीर्षक खबर पर संज्ञान लेकर आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और प्रकरण क्र. 3349/उज्जैन/2021 में कमिश्नर, उज्जैन से त्वरित प्रतिवेदन मांगा था। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी, उज्जैन ने प्रतिवेदन में बताया है कि स्व श्री रामेश्वर डाबी (प्राथमिक शिक्षक) शाप्राशा मेलानिया, संकुल केन्द्र शाउमाशा खेडाखजुरिया, तहसील महिदपुर में पदस्थ थे। स्व श्री डाबी की धर्मपत्नी श्रीमती रीता डाबी ने 04 अगस्त 2021 को अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन दिया था। श्रीमती रीता ने एक वर्ष में आंठवी कक्षा उत्तीर्ण करने की अनुमति लेने हेतु 24 अगस्त 2021 को आवेदन दिया था। अतः भविष्य में तय शैक्षणिक योग्यता प्राप्त हो जाने पर उनकी अनुकम्पा नियुक्ति पर पुनः विचार किया जायेगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुग्रह अनुदान योजना के तहत स्व. श्री रामेश्वर डाबी की धर्मपत्नी श्रीमती रीता डाबी का आवेदन मिला था। मामले में त्वरित कार्यवाही कर आवेदिका को मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुग्रह अनुदान राशि के रूप में 4 लाख 50 हजार रूपये का भुगतान कर दिया गया है। चूंकि आवेदिका के मामले का अंतिम निदान हो गया है, अतः यह प्रकरण आयोग में समाप्त कर दिया गया है।