बिलासपुर-  मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद भी रेत का अवैध कारोबार खत्म नही हुआ है। अब रेत के वैध ठेकेदार अवैध कारोबार कर रहे है। जिस घाट का ठेका है वहां रेत खत्म होने पर आज बाजू से रेत निकालकर बेचा जा रहा है। प्रतिदिन ठेकेदार लगभग 50 लाख रुपए की कमाई कर रहा है।
घुटकू सृंगार बाड़ी रेतघाट में रेत पूरी तरह से खत्म हो गई है, रेत के नाम पर यहां केवल-कंकड़ ही बच गया है। फिर भी इस घाट का ठेकेदार सौरभ श्रीवास प्रतिदिन सौ हाईवा और 4 सौ ट्रेक्टर रेत बेच रहा है। अब सवाल ये उठ रहा है कि जब घाट से रेत खत्म हो गया है तो रेत आ कहां से रह है ? दर असल वह अपने स्वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर रेत निकाल रहा है। दर असल पाली निवासी सौरभ श्रीवास को घुटकू रेत घाट दो साल पहले ठेके पर मिल था। ठेका अवधि में उसने इतना रेत निकाला की उसको स्वीकृत 3 हेक्टेयर क्षेत्र में रेत पूरी तरह से खत्म हो गया। रेत खत्म होने के बाद उसने घाट बंद करने का फैसला ले लिया था। यही कारण है कि कई नोटिस के बाद भी उसने घाट का नवीनीकरण नहीं कराया। मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद अचानक उसने घाट का नवीनीकरण कर लिया और धंधा फिर से चल निकला। अबकी बार उसने अपनी सीमा से बाहर जाकर खुदाई करना शुरू कर दिया और धंधा धड़ल्ले से चलने लगा। रेत से जुड़े कारोबारियों की माने तो ठेकेदार प्रतिदिन 50 लाख रुपए की कमाई कर रहा है। इसके लिए वो खनिज विभाग के अधिकारियों के अलावा कलेक्टर और एसपी को भी अंधेरे में रखा हुआ है। गौरतलब है कि प्रदेश मुख्यमंत्री भुपेश बघेल रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर आ रही शिकायतों से तंग आ चुके थे। यही कारण है कि पिछले दिनों उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी को रेत के अवैध-उत्खनन और परिवहन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। साथ ही चेतावनी दी कि अवैध कारोबार के लिए जिले के कलेक्टर और एसपी सीधे जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद नदी से रेत के अवैध कारोबारी तो गायब हो गए लेकिन इसका बेजा फायदा वैध ठेकेदारों ने उठाना शुरू कर दिया। इसके लिए रेत ठेकेदारों ने उन घाटों का भी नवीनीकरण करा लिया जहां रेत पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। ऊपर से तीन से पांच गुना रॉयल्टी वसूलकर प्रशासन की आंख में धूल झोंक रहा है।