साल का आखिरी चंद्रग्रहण मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन होगा। इस दिन देव दिवाली रहेगी, लेकिन पूरे दिन ग्रहण और सूतक के चलते देवालयों के पट बंद रहेंगे। ग्रहण की समाप्ति और शुद्धिकरण के बाद ही पट खुलेंगे। ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे ने बताया कार्तिक पूर्णिमा सोमवार को दोपहर 3.40 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन दोपहर 3.35 बजे तक रहेगी। उदय कालिक स्थिति के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को मान्य होगी। इसी दिन ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण होगा, जो पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 14 मार्च 2025 को होगा। ग्रहण कई राशियों के जातकों के जीवन में उथल-पुथल कर सकता है। सौरभ दुबे ने बताया कि मंगलवार को चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण दिखाई देने लगेगा। ग्रहण शाम 5.12 बजे से शुरू होगा, इसका मोक्ष शाम 6.23 बजे होगा। सूतक काल सुबह 8.10 बजे से लग जाएगा। साल का आखिरी चंद्रग्रहण मेष राशि में लगेगा। इस दिन राशि स्वामी मंगल तीसरे भाव में वक्री स्थिति में होंगे। चंद्रमा के साथ राहु की स्थिति होगी, लेकिन सूर्य भी केतु, शुक्र और बुध के साथ रहेगा और शनि इन सभी ग्रहों पर पूर्ण दृष्टि रखेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण के समय प्रत्येक ग्रह की स्थिति का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। शनि और मंगल के आमने-सामने होने के कारण षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग भी बन रहे हैं। ऐसे में लोगों को चंद्रग्रहण के दौरान मंत्रोच्चारण, ध्यान, भजन आदि करना श्रेयस्कर होगा। भारत की पूर्व दिशा के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2.38 बजे होगी और शाम को 4.23 से ईटानगर में चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण दिखने लगेगा। ग्रहण 6.19 बजे खत्म हो जाएगा। ग्रहण की वजह से देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा से संबंधित शुभ कामों के लिए कुछ खास बातें ध्यान रखनी होंगी। उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र गुप्त के मुताबिक चंद्र ग्रहण भारत में दोपहर 2.38 बजे शुरू होगा। देश के पूर्वी भाग कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, ईटानगर के आसपास के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और शेष भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। जहां पूर्ण ग्रहण रहेगा, वहां चंद्रमा लाल दिखाई देगा।