भोपाल । प्रदेश में सरकारी राशन वितरण में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने राशन दुकानों की जांच करने का निर्देश दिया है। सरकार के निर्देश पर भोपाल में राशन दुकानों की जांच के बाद 15 खाद्य अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। अब इसी तर्ज पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी कार्रवाई होगी। इसके लिए खाद्य विभाग ने कलेक्टरों से 2500 राशन दुकानों की जांच का प्रतिवेदन मांगा है।
जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल के खाद्य अधिकारियों पर हुई कार्रवाई के बाद ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर सहित कई और जिलों के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। खाद्य विभाग ने ढाई हजार राशन दुकानों की जांच प्रतिवेदन कलेक्टरों से मांगी है। विभाग की कार्रवाई के बाद से जिलों में हड़कंप है। राशन दुकानों की जांच कार्रवाई भोपाल से शुरू हुई है। यहां की कई दुकानों पर व्यापक तौर पर गड़बड़ी होने की शिकायतें विभाग के आला अफसरों को की जा रही थीं। इस आधार पर प्रमुख सचिव खाद्य के निर्देश पर लगभग सभी राशन दुकानों की जांच कराई गई। इसमें 39 दुकानों पर फर्जीवाड़ा मिला। इसके बाद भोपाल की जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक ज्योति शाह नरवरिया सहित विभाग ने उन अधिकारियों को भी सस्पेंड किया है जिन्होंने जांच कार्य में गड़बड़ी की।
खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार जिन बिंदओं पर राशन दुकानों की जांच की गई है उनमें प्रमुख है उचित मूल्य दुकान खुलने की स्थिति, स्टॉक का भौतिक सत्य, सामग्री का वितरण, सूचनाओं का प्रदर्शन, सतर्कता समितियों की बैठक और उपभोक्ताओं के फीडबैक की जानकारी और उचित मूल्य दुकान के नाम सहित विक्रेता एवं निरीक्षणकर्ता अधिकारियों को फोटो अपलोड किया जाएगा। इन बिंदुओं पर राशन दुकानों पर जांच के लिए संचालनालय, राजगढ़ 15 सहायक और कनिष्ठ और विदिशा के अधिकारी तैनात अधिकारियों को निलंबित किया गया किए गए थे। प्रमुख सचिव खाद्य विभाग फैज अहमद किदवई का कहना है कि भोपाल की तरह अन्य जिलों में राशन सामग्री वितरण तथा स्टॉक को लेकर गड़बड़ी मिलेगी तो वहां के खाद्य अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनमें बड़े शहर भी शामिल हैं। भोपाल की राशन दुकानों पर वितरण व्यवस्था अच्छी नहीं होने के शिकायतें मिल रही थीं।
जानकारी के अनुसार ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर सहित कई और जिलों के राशन दुकानों की जांच कराई जा रही है। यह जांच एक- दूसरे जिलों के खाद्य अधिकारी कर रहे हैं। निर्देश दिए गए हैं कि उचित मूल्य का निरीक्षण में पाई गई स्थिति को मौके पर ही एम राशन मित्र पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। अगर गंभीर अनियमितता पाई जाती है तो अलग से पंचनामा तैयार किया जाएगा और हितग्राही तथा विक्रेता के कथन लिए जाएंगे। राशन कम अधिक पाए जाने पर जब्ती कार्रवाई अलग से होगी। जिलों में चल रही इस कार्रवाई से खाद्य अधिकारियों में हड़कंप हैं। सूत्रों मे अनुसार प्रयास किए जा रहे हैं कि उनके क्षेत्र की दुकानों की जांच में सहानुभूति दिखाई जाए। जांच के दौरान 89 आदिवासी विकासखंडों की उचित मूल्य दुकानों की जांच पर विशेष फोकस किया गया है। खासतौर पर मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के तहत वितरण व्यवस्था देखी जाएगी। जांच टीमों से इन राशन दुकानों की रिपोर्ट अलग से मांगी गई है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सरकार राशन घोटाले की न्यायिक जांच कराए। राजधानी में ही राशन दुकानों में हेरा फेरी और अमानत में खयानत के मामले सामने आने से यह सिद्ध हो गया हैं कि प्रदेश में 50त्न राशन दुकानों में गरीबों के खाद्यान्न की सार्वजनिक लूट चल रही है। गांव देहातों में तो 90 फीसदी दुकानों पर गरीबों के हिस्से का अनाज चोरी किया जा रहा होगा। समितियों के पदाधिकारियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और पदाधिकारी किन दलों के सदस्य हैं, यह भी खुलासा हो।