जबलपुर ।   राज्य में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के पक्ष में सोमवार, पांच सितंबर को प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की विशेष युगलपीठ के समक्ष फिर से बहस होने जा रही है। हाई कोर्ट ने इस मामले में दिन-प्रति-दिन सुनवाई की व्यवस्था दी है। पूर्व में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक न किए जाने के बिंदु पर अधिवक्ता आदित्य संघी, अंशुमान सिंह व ब्रहमेंद्र पाठक सहित अन्य पक्ष रख चुके हैं। अब राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, अतरिक्त महाधिवक्ता भरत सिंह व आशीष आनंद बर्नार्ड पक्ष रखेंगे। जबकि ओबीसी की ओर से पक्ष रखने नियुक्त किए गए विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह तर्क प्रस्तुत करेंगे। ओबीसी आरक्षण के समर्थन में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता उदय कुमार साहू, आजी वर्मा, परमानंद साहू, ओमप्रकाश पटेल, रामभजन लोधी, अंजनी कोरी, भारतदीप सिंह बेदी, राजमणि सिंगरौल, गोपाल श्रीवास, दीपचंद कोरी, रूप सिंह ठाकुर पैरवी करेंगे।विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने अवगत कराया कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांतों की मनमानी व्याख्या को लेकर विरोध दर्ज कराएंगे। साथ ही उचित व्याख्या प्रस्तुत करेंगे। इस मामले में राज्य शासन की ओर से ओबीसी वर्ग को लेकर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। निकाय चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट तक जंग चली। लेकिन अंत में संविधान की व्यवस्था के अनुरूप ही आरक्षण संभव हो सका। लिहाजा, इस मामले में आगे क्या होगा, यह जिज्ञासा का विषय बन गया है। दोनों पक्ष संविधान के साथ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों को रेखांकित कर अपना पक्ष मजबूत करने में जुटे हैं। ऐसे में बहस दिनों दिन नए तेवर लेती जा रही है। अधिवक्ताओं ने काफी तैयारी की है। बहस को धार देने व्याख्या की जा रही है। कोर्ट भी हस्तक्षेप कर मामले को पूरी तरह कानूनी बिंदु से जोड़कर देख रही है। यह मामला फुलबेंच तक भी जाने के आसार बन रहे हैं। इससे पूर्व भी ऐसे मामले फुलबेंच तक गए थे।