इंदौर ।    देश में लव जिहाद के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद (विहिप) निर्णायक लड़ाई छेड़ने की तैयारी कर रहा है। विहिप ने तय किया है कि लव जिहाद को लेकर हर राज्य में सख्त कानून बनवाने के प्रयास किए जाएंगे। देश के ऐसे संवेदनशील क्षेत्र चिह्नित किए जाएंगे, जहां मतांतरण और लव जिहाद के मामले अधिक हो रहे हैं। इनकी विशेष निगरानी की जाएगी। इंदौर में गुरुवार से शुरू हुई विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति और प्रन्यासी मंडल की बैठक में यह एजेंडा सामने आया है।विहिप ने यह भी तय किया है कि वह हिंदुत्व की सौम्य छवि निखारेगा। मतांतरण के मामलों में घर वापसी के प्रयासों का खुले मन से स्वागत किया जाएगा। देश के विभिन्न मुद्दों पर एकजुटता के लिए तर्क आधारित चर्चा को प्रोत्साहित करने की पहल की जाएगी। बैठक में शामिल होने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, विहिप के केंद्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, अध्यक्ष रवींद्र नारायण सिंह, केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे, बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दानेरिया इंदौर आ चुके हैं। परिषद से जुड़े अनुषांगिक संगठन बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, हिंदू जागरण मंच के प्रमुख पदाधिकारी आ चुके हैं, जबकि मातृशक्ति, दुर्गा वाहिनी और विदेश विभाग के पदाधिकारियों का आगमन जारी है। इस तरह विहिप सहित विभिन्न सहयोगी संगठनों के लगभग 300 पदाधिकारी इस महत्वपूर्ण मंथन में शामिल होंगे। बैठक दो जनवरी तक चलेगी। इसमें अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, धर्मांतरण, गोरक्षा जैसे विषयों के साथ वर्ष भर चलाए जाने वाले विभिन्न प्रकल्पों पर चर्चा की जाएगी। शुक्रवार को बैठक में चंपत राय और मिलिंद परांडे का उद्बोधन होगा। बता दें, इससे पहले बुधवार रात राजवाड़ा चौक पर पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर मिलिंद परांडे ने कहा कि ईसाई और मुस्लिम वापस हिंदू समाज को अपनाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें शंका रहती है कि उन्हें हिंदू समाज स्वीकारेगा या नहीं। समाज में ऐसे कई लोग हैं जो भय, प्रलोभन, छल से सनातन धर्म को छोड़कर गए। वे फिर अपने धर्म में लौटना चाहते हैं तो उनका स्वागत हिंदू समाज को दिल खोलकर करना चाहिए।

13 साल पहले भी मालवा प्रांत को मिली थी मेजबानी

विहिप की वार्षिक बैठक अलग-अलग शहरों में होती है। मालवा प्रांत (इंदौर) को 13 साल पहले भी बैठक की मेजबानी का अवसर मिला था।