नई दिल्ली । दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीन प्रमुख दल मैदान में हैं। इन तीन दलों के बीच ही मुख्य मुकाबला है लेकिन कई दूसरे छोटे दल भी इस चुनाव में बड़ी सेंध लगाने की उम्मीद में हैं। इसमें कुछ दल ऐसे भी हैं जिनका यूपी-बिहार से खास नाता है। जनता दल (यूनाइटेड), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन बहुजन समाज पार्टी और स्वराज इंडिया समेत कई छोटे दलों को बड़ी सेंध लगाने की उम्मीद है। एमसीडी के 250 वॉर्ड में अलग- अलग सीटों पर यह दल चुनावी मैदान में हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी और चंद्रशेखर आजाद रावण की आजाद समाज पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन किया है। एआईएमआईएम दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने कहा कि गठबंधन ने 50 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि एआईएमआईएम 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। करावल नगर, ओखला, चांदनी चौक, सीमापुरी, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, बाबरपुर, सीलमपुर, मटिया महल और सदर बाजार विधानसभा क्षेत्रों की ज्यादातर मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2008 के विधानसभा चुनावों में 14.05 प्रतिशत वोट शेयर के साथ अच्छा प्रदर्शन करने वाली बसपा ने 174 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। पार्टी 1989 से दिल्ली में चुनाव लड़ रही है, लेकिन कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी। हालांकि दूसरे छोटे दलों के मुकाबले बीएसपी का प्रदर्शन बेहतर रहा है। पार्टी कोई लोकसभा सीट दिल्ली में कभी नहीं जीत सकी लेकिन 2008 में इसके दो विधायक थे और छह सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही। एमसीडी चुनाव में मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने 2007 में 17, 2012 में 15 और 2017 में कोंडली, सीलमपुर और बवाना से तीन उम्मीदवार उतारे थे। दिल्ली के 1.4 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 15 प्रतिशत दलित हैं, जो बसपा का मुख्य वोट बैंक है। हालांकि दूसरे राज्यों की तरह यहां पार्टी को एकजुट वोट नहीं मिलते। बसपा के दिल्ली प्रभारी सीपी सिंह का कहना है कि पार्टी ने इस बार मजबूत उम्मीदवारों को टिकट दिया है और कई पार्षद बनेंगे। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड इस बार दिल्ली एमसीडी में 33 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने उन्हीं इलाकों में ज्यादातर उम्मीदवार उतारे हैं पूर्वांचली वोटर्स की संख्या अधिक है। जैसे बुराड़ी, बदरपुर और छतरपुर। जदयू दिल्ली के प्रवक्ता सत्य प्रकाश मिश्रा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता आप की आबकारी नीति को लेकर निशाना बना रहे हैं। पार्टी संदेश देना चाहती है कि अगर वह सत्ता में आई तो वह दिल्ली को स्वच्छ बनाएगी। पूर्वांचलियों की आबादी शहर की आबादी का 30 प्रतिशत से अधिक है। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के एक सर्वे के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 16 पर बहुमत में माने जाते हैं। योगेंद्र यादव द्वारा शुरू किया गया राजनीतिक संगठन स्वराज इंडिया सात वार्डों पर चुनाव लड़ेगा।