कटिबद्धता और रचनात्मकता रेरा एक्ट की सफलता का सूत्र - एन्टोनी डिसा

भोपाल । नई दिल्ली में आज भारत सरकार द्वारा रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में तेजी और सुधार करने की दृष्टि से आयोजित की जा रही तृतीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें मध्यप्रदेश से अध्यक्ष रेरा एन्टोनी डिसा विशेषज्ञ वक्ता के रूप में शामिल हुए। भारत सरकार के शहरी आवास मंत्रालय के सचिव, राज्यों के रेरा-प्राधिकरण के चैयरमैन, के्रडाई, नारेडको के प्रतिनिधियों, सहित रियल एस्टेट ऐजेन्ट संध, गृह आवास संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कॉन्फ्रेंस में मुख्यत: इस विषय पर विचार किया गया कि रेरा एक्ट का क्रियान्वयन कैसे और प्रभावी और बेहतर ढंग से किया जाये ताकि आवंटियों को तेजी से लाभ देने के साथ-साथ रियल स्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहित किया जा सके।
कॉन्फ्रेंस में विशेष रूप से आमंत्रित मध्यप्रदेश रेरा के चैयरमेन एन्टोनी डिसा ने बताया कि राज्यों में, रेरा एक्ट की सफलता, राज्यशासन और प्राधिकरण की एक्ट के प्रति कटिबद्धता एवं समस्याओं के सृजनात्मक और सकारात्मक दृष्टि से निराकरण पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि रियल इस्टेट, भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाला महत्वपूर्ण घटक है। डिसा ने कहा कि इसकों स्वस्थ बनाने के लिए ही, रेरा-एक्ट को लाया गया हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ जरूरतमद नागरिकों को समय पर गुणवत्तापूर्ण आवास मिलना सामाजिक दायित्व हैं, वही रियल-एस्टेट सेक्टर की प्रगति से व्यापार और अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
अध्यक्ष रेरा डिसा ने कहा कि एक्ट रियल स्टेट सेक्टर को उबारने के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। एक्ट को सफल किया जाना सभी के हित में हैं। डिसा ने कहा कि प्रारम्भ में प्रगतिरत तथा नवीन सभी प्रोजेक्टस का रेरा में पंजीयन अभियान चलाकर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत होने के बाद आवंटियों की समस्या का निराकरण करना आसान हो जाता है। शिकायतों का निराकरण करते वक्त रेरा एक्ट के दोनों उद्धेश्यों का ध्यान रखना जरूरी है। जिससें आवंटियों की समस्या भी सुलझे तथा रियल एस्टेट सेक्टर भी प्रोत्साहित हो। डिसा ने कहा कि रेरा प्राधिकरण के द्वारा पारित आदेशों के समय सीमा में पालन हेतु रेरा एक्ट में संशोधन कर, प्राधिकरण को और सशक्त बनाया जाना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त भी अनेक आवश्यक संशोधनों की और उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया जिनके समावेश से रेरा एक्ट का बेहतर और प्रभावी क्रियान्वयन हो सकता है।
भारत सरकार के आवास तथा नगरीय मामलों के सचिव डी.एस. मिश्रा ने कहा कि रेरा एक्ट के प्रति अनुकुल माहोल बनाने के लिए प्रदेश के विभिन्न अंचलों में, रेरा प्राधिकरण को अपनी पहुच एवं उपस्थिति का प्रदर्शन किया जाना आवश्यक है, ताकि वहां निवासरत पक्षकारों को सुविधा हो सकें।
क्रेडाई की ओर से सुझाव दिया गया कि एक ही स्थान पर तमाम मंजूरियां देने की प्रणाली से रेरा कानून को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। साथ ही यह अपने वांछित परिणामों को प्राप्त करने में कामयाब रहेगा। ऐसा नहीं है कि नया कानून बिल्डरों के विरूद्ध है बल्कि इससे जो बदलाव आएगा, और उससे बिल्डरों को ज्यादा खरीदार मिलेंने के साथ ही बाजार तरक्की करेगा। इस कानून के लागू होने से खरीदार अपनी गाढी कमाई से अपनी पंसद और उचित शर्तो के अनुसार आवास क्रय कर सकेंगे। उपभोक्ताओं और डिवेलपर्स दोनों को ही रेरा को आशाजनक दृष्टि से देखना होगा तभी रेरा-एक्ट अपने उद्धेश्यों में सफल हो पायेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने, रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में म.प्र.भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के चैयरमैन एन्टोनी डिसा की अग्रणी भूमिका को देखते हुये, उन्हे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता का दर्जा देकर उनसे अन्य भू-संपदा विनियामक प्राधिकरणों को मार्गदर्शन दिये जाने की