मुंबई । शिवसेना के ही बागी नेता एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया है। उन्होंने शुक्रवार को शिवसेना भवन पहुंचकर मराठी कार्ड खेला और पार्टी पर दावा ठोका। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवेसना के मुख्यमंत्री नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में सत्ता का खेल खेला गया है, उससे लोकतंत्र का मजाक बना है। उन्होंने कहा कि मैं तो कहूंगा कि मतदाताओं को अधिकार होना चाहिए कि वह जरूरत पड़ने पर उन लोगों को वापस बुला सके, जिन्हें वोट दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही सत्ता के लिए कुछ लोगों ने बड़ा खेल कर दिया, लेकिन मेरे दिल से वे लोग महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकते। यहां तो लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। सत्ता में आते ही इन लोगों ने आरे के फैसले को पलट दिया गया। उन्होंने कहा कि मुंबई के पर्यावरण से छेड़छाड़ न की जाए। मैं इन लोगों से अपील करता हूं कि महाराष्ट्र को बर्बाद न करें। मुझे सीएम की कुर्सी जाने का दुख नहीं है, लेकिन मेरी पीठ में खंजर भोंका गया है। यदि भाजपा हमारे साथ आती तो कम से कम ढाई साल तक तो उनका मुख्यमंत्री रहता, लेकिन अब उन्हें क्या मिल गया है। उन्होंने कहा कि अगर अमित शाह ने मुझसे किया अपना वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री होता। इस तरह उद्धव ठाकरे ने इशारों में ही देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम बनने पर तंज कस दिया। दरअसल 2019 में भाजपा और शिवसेना के बीच इसी बात पर मतभेद हो गए थे। तब शिवसेना का कहना था कि भाजपा ने उनसे ढाई-ढाई साल के सीएम का वादा किया था, जिस पर उसे अमल करना चाहिए। वहीं देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे ने ऐसे किसी भी वादे से इनकार किया था। अब इसी को लेकर शायद उद्धव ठाकरे ने तंज कसा है कि एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने से भाजपा को क्या मिल गया। यही नहीं एक बार फिर से मराठी कार्ड खेलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं प्रदेश की जनता और शिवसैनिकों से कहना चाहूंगा कि उनसे कभी गद्दारी नहीं करूंगा। आप लोगों से जो प्यार मिला है, उसे भुला नहीं सकता। सत्ता तो आती और जाती रहती है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों से हमने बात की, लेकिन वे माने नहीं। साफ है कि यह घटना रातों रात की नहीं थी बल्कि लंबे वक्त से यह खेल चल रहा था।