रतलाम  ।   स्टेशन रोड़ स्थित एक होटल में ठहरा इंदौर का युवक होटल की तीसरी मंजिल के छज्जे पर चढ़ गया। वह करीब एक घंटे तक बैठा रहा। होटल कर्मचारियों ने नीचे उतरने का कहा तो वह नहीं उतरा, वह कोई खतरनाक कदम न उठा ले, इसके लिए पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची, उससे बातचीत की और नगर निगम की क्रेन की मदद से उसे नीचे उतारा गया। बाद में उसे उसके मामा के सुपुर्द कर दिया गया। वह तरह-तरह की बात करता रहा, लेकिन छज्जे पर चढ़ने का स्पष्ट कारण नहीं बताया।

इंदौर के एरोड्रम इलाके का रहने वाल है युवक

जानकारी के अनुसार 34 वर्षीय रुपल जैन पुत्र गिरीश जैन निवासी मनुश्री नगर थाना एरोड्रम इंदौर शुक्रवार रात होटल में आकर ठहरा था। शनिवार सुबह चाय पीने के कुछ देर बाद वह नहाने गया और काफी देर बाद भी बाथरूम से नहीं निकला। अंदर नल चलता रहा। कर्मचारियों ने आवाज दी लेकिन वह बाहर नहीं आया। दरवाजा तोड़कर देखा तो वह खिड़की के रास्ते तीसरी मंजिल पर जाकर छत पर बैठा हुथा। सूचना पर टीआइ किशोर पाटनवाला व अन्य पुलिस अधिकारी पहुंचे।

क्रेन से नीचे उतारा

टीआइ होटल के सामने वाली बिल्डिंग पर चढ़े और उससे बातचीत करने लगे। वह इधर-उधर की बात करता रहा लेकिन नीचे उतरने के तैयार नहीं था। टीआइ ने समझदारी से उससे बातचीत करते रहे। उससे पूछा कि खाने में क्या पसंद है, आखिरी फ्लिम कब देखी थी, इस तरह उसे बातों में उलझाकर विश्वास में लेते रहे। नगर निगम की क्रेन बुलवाई गई और उसे विश्वास में लेकर क्रेन से नीचे लेकर आए।

स्वयं वास्तुशास्त्री बताता है

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उसने छज्जे पर छड़ने का कारण तो नहीं बताया और इधर-उधर की बाते करता रहा। उसने कहा कि वह पैदल संघ निकालना चाहता था। ताल के समीप अष्टापद तीर्थ गया था, वहां उसकी कार कैद कर ली गई। पुलिस से मदद मांगी। जावरा से मैकेनिक ले गया। आटो लाक हो गया था, कांच तोड़कर उसमें से चाबी निकाली। कार बाहर निकालने के लिए कहा तो नहीं निकाली गई। वह वास्तु शास्त्री है।

चाय पीने के बाद नहाने गया था

होटल कर्मचारी घनश्यान शर्मा ने बताया कि रुपल जैन शुक्रवार रात में आकर ठहरा था। शनिवार सुबह करीब छह बजे वह नीचे आया, उनके साथ चाय पी और अच्छे से बात करता रहा। कुछ देर बाद वह नहाने के लिए चला गया लेकिन काफी दर तक बाथरूम से बाहर नहीं आया। बाथरूम के अंदर से नल चलने की आवाज आती रही। दरवाजा बजाया तो उसने कहा कि आ रहा हूं, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आया। दरवाजा तोड़कर देखा तो नल चल रहा था और वह छज्जे पर बैठा था। हमने सोचा उसे नीचे उतारने गए या पकड़ने गया तो कहीं वह नीचे न गिर जाए, इस कारण पुलिस को सूचना दी।

मामा को सुपुर्द किया

युवक को समझाइश देकर नीचे उतारा गया है। वह अलग-अलग बाते कर रहा था। शहर में उसके मामा संदीप रहते है, वे आए थे, उसे उनके सुपुर्द किया गया है। 

- किशोर पाटनवाल, टीआइ स्टेशन रोड