भोपाल  ।   राज्य पुलिस सेवा के कई अधिकारी आइपीएस बनने का सपना लिए सेवानिवृत हो रहे हैं। अगले दो वर्ष यानी 2024 और 2025 में भी सिर्फ 11 अधिकारी ही पदोन्नत हो पाएंगे। वजह, पद बढ़ने की उम्मीद कम है। अगले वर्ष चार और इसके बाद 2025 में सात अधिकारी सेवानिवृत हो रहे हैं। उन्हीं पदों के विरुद्ध पदोन्नति हो पाएगी। केंद्र से हर पांच वर्ष में काडर रिव्यू नहीं होने की वजह से पद नहीं बढ़ रहे हैं, इससे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को नुकसान हो रहा है। हाल ही में आइपीएस अवार्ड करने के लिए राज्य पुलिस सेवा के 1996 बैच और 1997 बैच के कुछ अधिकारियों को मिलाकर 16 पदों के लिए दिल्ली में डीपीसी की बैठक हुई थी। हर पांच वर्ष में काडर रिव्यू करने का नियम है। मध्य प्रदेश में आइपीएस के कुल 319 पद हैं। एक बार रिव्यू होने पर पांच से 10 प्रतिशत यानी 15 से 32 पद पद बढ़ जाते हैं। 2022 में पांच प्रतिशत पद बढ़े थे। इस तरह रिव्यू नहीं होने से सबसे ज्यादा नुकसान राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को हो रहा है। इनमें भी 1999 और 2000 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियोें को अधिक नुकसान है। वजह, यह दोनों बैच बड़े हैं। दूसरा यह कि राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) से आइपीएस बने अधिकारी कम सेवानिवृत होंगे। इस कारण कम लोेगों को मौका मिलेगा।

काडर रिव्यू में इस तरह हो रही देरी

2005 में काडर रिव्यू हुआ था। इसके बाद 2010 में होना चाहिए था, पर 2013 में हुआ। इसके बाद 2018 में किया जाना था , लेकिन इसकी जगह 2023 में किया गया। 2020 का रिव्यू अभी लंबित है। राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का कहना है कि इसे 2024 में किया जाए तो आइपीएस के 20 से 30 पद बढ़ जाएंगे। इनमें सात से 10 पद राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को मिलेंगे। पांच वर्ष के नियम से रिव्यू हुआ तो 2022 के बाद अब 2027 में होगा। ऐसे में कई अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद से ही सेवानिवृत हो जाएंगे।