महाकालेश्वर भगवान की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सातवीं सवारी सोमवार नगर में धूमधाम से निकल रही है। आज बाबा के सात स्वरूपों के दर्शन होंगे। नागपंचमी का संयोग होने से भक्तों की संख्या भी अधिक है। महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया।

उसके पश्चात भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई।महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि महाकालेश्वर भगवान की सप्तम सवारी परंपरा अनुसार आज नगर में धूमधाम से निकली।

इस बार पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद ,घटाटोप मुखोटा व जटाशंकर मुखारविंद सम्मिलित हो रहे हैं।सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी।

जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।