नई दिल्ली ।  सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और आम आदमी पार्टी  समेत कई  ट्रस्टों की याचिकाओं पर सुनवाई टल गई है। अब नौ अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। 
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अदालत की कार्यवाही किस चरण में है। याचिकाकर्ता ने रिट पांच महीने की देरी से क्यों दाखिल की। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस तरह के मामलों में देरी घातक हो सकती है? उन्होंने कहा कि, जहां तक ​​समवर्ती क्षेत्राधिकार का सवाल है, विषय-वस्तु क्षेत्राधिकार और क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार अलग-अलग हैं। सामान्यतः हम वहीं हस्तक्षेप करते हैं जहां विषय-वस्तु क्षेत्राधिकार का अभाव होता है। साथ ही, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इसे दिल्ली से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। यह सब दिल्ली में ही है।
दरअसल सोनिया गांधी, प्रियंका, राहुल गांधी, आदमी पार्टी और पांच ट्रस्ट की ओर से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सभी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है।  हाईकोर्ट ने टैक्स निर्धारण को केंद्रीय सर्कल में ट्रांसफर करने के इनकम टैक्स के फैसले को सही ठहराया था। 
26 मई को राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और आम आदमी पार्टी को राहत नहीं मिली थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्स निर्धारण को केंद्रीय सर्कल में ट्रांसफर करने के इनकम टैक्स के फैसले को सही ठहराया था। फेसलैस एसेसमेंट से केंद्रीय सर्किल में केस ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। 
हाईकोर्ट ने कहा था कि फेसलेस असेसमेंट द्वारा मूल्यांकन करने का कोई मौलिक या निहित कानूनी अधिकार नहीं है। असेसमेंट को कानून के अनुसार और बेहतर समन्वय के लिए ट्रांसफर किया गया है।  
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा था कि ये ट्रांसफर कानून के अनुसार था। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने गुण-दोष के आधार पर मामले की जांच नहीं की। पक्षकार उचित वैधानिक प्राधिकरण के समक्ष अपनी दलीलें रखने के लिए स्वतंत्र हैं।