चीन । चीन ने एलएसी पर सैन्य तैनाती में अब तक कोई कटौती नहीं की है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बॉर्डर पर चीन लगातार सडक़ें, गांव, स्टोरेज फैसेलिटीज, एयरफील्ड और हेलीपैड बना रहा है।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि चीन ने पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या भी बढ़ाई है। उसके पास अब 500 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं। इससे पहले स्वीडन के थिंक टैंक सिप्री ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पिछले कुछ सालों में चीन ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे में 60 नए हथियार जोड़े हैं। पेंटागन के मुताबिक, चीन का लक्ष्य 2030 तक एक हजार परमाणु हथियार बनाने का है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर चीनी वेस्टर्न थिएटर कमांड की तैनाती 2023 तक जारी रहेगी। चीन ने पिछले साल एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र यानी लद्दाख की तरफ रिजर्व में चार कम्बाइंड-आम्र्स ब्रिगेड के साथ शिंजियांग और तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट्स के दो डिवीजन के समर्थन से एक बॉर्डर रेजिमेंट तैनात की थी।
चीन ने 3 सीएबी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर के पास भी तैनात किए हैं। इसके अलावा इन्हें उत्तराखंड और हिमाचल के पास मौजूद एलएसी पर भी तैनात किया गया है। पेंटागन ने यह भी बताया है कि चीन ने डोकलाम के पास भी जमीन के नीचे स्टोरेज फैसेलिटीज बनाई हैं। इसके अलावा एलएसी के तीनों सेक्टर में नई सडक़ों का भी निर्माण किया गया है। पैंगोंग झील पर एक दूसरा ब्रिज भी बनाया है। चीन ने भूटान के साथ विवादित इलाकों में भी गांव बसाए हैं। पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन का मकसद इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में किसी भी तीसरे पक्ष को रोकने या जरूरत पर उसे हराना है। इसके लिए ही वह लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन जमीन, समुद्र और हवा से वार करने के अलावा न्यूक्लियर, स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक और साइबरस्पेस में भी जंग के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रहा है।
पेंटागन के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का लक्ष्य 2049 तक वल्र्ड क्लास मिलिट्री बनाना है। चीन के पास पहले से ही दुनिया की सबसे बड़ी नेवी है। इसमें 370 वॉरशिप और सबमरीन शामिल हैं। चीन के पास 140 सर्फेस कॉम्बैटेंट्स हैं। ये नेवल वॉरशिप्स की ही तरह होते हैं। इनमें हथियार और सैनिक तैनात होते हैं।