सिलक्यारा । उत्तराखण्ड के सिलक्यारा के ‎निर्माणरत सुरंग से जुड़े 60 वर्षीय श्रमिक प्रेम लाल ने बताया कि दीपावली के चलते उत्सव मनाने गये सा‎थियों के कारण ही यहां 40 लोग फंसे अन्यथा 400 से ज्यादा मजदूर इससे प्रभा‎वित होते । 
स्थानीय निवासी प्रेमलाल ने बताया कि वह भी श्रमिक के रूप में टनल निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि यहां 400 से ज्यादा मजदूर कार्यरत थे। इनमें ज्यादातर स्थानीय लोग थे, लेकिन दीपावली के चलते वह त्योहार मनाने अपने परिवार के पास गांव निकल गए थे।अन्यथा भूस्खलन के चलते वे भी सुरंग के अंदर फंस जाते।
दीपावली के बाद यहां कुछ स्थानीय और बाकी बाहरी राज्यों के मजदूर ही बचे थे। इन मजदूरों को ही रात्रि की ड्यूटी पर भेजा गया था और दिवाली के दिन बड़ा हादसा हो गया। श्रमिक कुंवर बहादुर ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को ठंड से बचाव के लिए बिस्तर या कंबल की जरूरत नहीं है। सुरंग में काफी गर्मी लगती है। रात्रि शिफ्ट में काम कर चुके प्रेमलाल ने बताया कि सुरंग में इतनी गर्मी होती है कि पसीना से तर हो जाते है।