भोपाल ।   नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सेवानिवृत्त अधिकारी को वित्त तथा इंजीनियर सदस्य बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नोटिस जारी की जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता समता समाधान पार्टी की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार प्रमोद कुमार शर्मा को 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था। वे निर्धारित तिथि को सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद उन्हें 13 जनवरी 2023 को संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया था। उन्हें सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी और उसी दिन चीफ इंजीनियर का दायित्व प्रदान कर दिया। इसके बाद उन्हें सदस्य वित्त तथा इंजीनियर नियुक्ति कर दिया गया। इसके लिए विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की डीपीसी नहीं की गई। 

याचिका में कहा गया था कि संविदा नियुक्ति प्रदान किए जाने के खिलाफ उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। जिस पद से वह सेवानिवृत्त हुए थे, सेवानिवृत्त के बाद उन्हें उससे उच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनसे वरिष्ठ अधिकारी की अनदेखी कर उन्हें अवैधानिक तरीके से उक्त पद पर नियुक्ति किया है, जो इंजीनियर इन चीफ पद के समकक्ष है। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने जन संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव से इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने के निर्देश जारी करते हुए अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं।