लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद पूर्व सीएम और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का बयान आ गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बातचीत होगी और समाधान भी निकलेगा। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस पार्टी और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए हैं। 
बात दें कि मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश को इस संबंध में एक लंबा चौड़ा खत भी लिखा था। स्वामी प्रसाद ने खत में अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि उनके बयान को पार्टी के कुछ नेता उनका निजी बयान करार देते हैं। वहीं, दूसरे महासचिव का बयान पार्टी का बयान हो जाता है। आखिर यह भेदभाव क्यों? 
अब मामले में सपा के राष्ट्रीय सचिव राम गोविंद चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने अखिलेश से अनुरोध किया कि वह मौर्य का इस्तीफा स्वीकार न करें क्योंकि मौर्य आरएसएस और भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे जहर का मुकाबला कर रहे हैं। इस पर अखिलेश यादव का भी बयान अब आ गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बातचीत होगी और समाधान भी निकल जाएगा। सोनिया गांधी के रायबरेली से न लड़ने पर अखिलेश ने कहा कि यह उनकी पार्टी का अपना फैसला है। अमेठी-रायबरेली के कांग्रेस के मजबूत गढ़ सवाल पर उन्होंने कहा कि रायबरेली और अमेठी कांग्रेस का मजबूत गढ़ नहीं है, लेकिन उनकी पुश्तैनी सीट है। सपा ने हमेशा कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ी है। किसान आंदोलन पर अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहा है।