केंद्र सरकार के श्रम, उद्योग एवं मेहनतकश विरोधी आर्थिक नितियों के विरूद्ध में 10 केंद्रीय श्रम संगठनों ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया। साऊथ ईस्टर्न कोलफिल़्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) व बाल्को में हड़ताल का असर दिखा। हालांकि नियमित कर्मी ही हड़ताल पर रहे, जबकि आउटसोर्सिंग व ठेका पद्धति से कामकाज होते रहा। श्रमिक संघ प्रतिनिधि हड़ताल को सफल बनाने सुबह से खदान क्षेत्र में डटे रहे। ड्यूटी जाने वाले कर्मियों को जबरदस्ती कर नहीं रोका गया। उधर बाल्को में प्रबंधन ने पहले ही नाइट शिफ्ट (रात ड्यूटी) के कर्मियों को रोक लिया था। सभी क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएं जारी रही।

हडताल को लेकर एटक, सीटू, एचएमएस, इंटक द्वारा पिछले एक माह से तैयारी की जा रही थी। सभी खदान व प्लांट क्षेत्र में बैठक लेकर श्रमिक नेताओ ने हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया था। इसके साथ ही प्रबंधन को भी नोटिस थमाई थी। शुक्रवार को चारों यूनियन ने एसईसीएल व बाल्को क्षेत्र में हडताल किया। पदाधिकारी व कार्यकर्ता सुबह से ही खदान क्षेत्र पहुंच गए थे। एसईसीएल की मानिकपुर खदान में नियमित के साथ ठेका कर्मियों को भी काम में जाने से रोका गया। उधर गेवरा, दीपका व कुसमुंडा मेगा परियोजना में नियमित कर्मियों की उपस्थिति कम रही, पर आउटसोर्सिंग से लगी कंपनियों के कर्मियों ने काम किया। इससे एसईसीएल में हड़ताल का मिला जुला असर रहा। ज्यादा असर नहीं पड़ा। प्रबंधन ने भी हड़ताल से निपटने पहले ही तैयारी कर कार्य योजना बना थी। बिजली, पानी व अस्पताल समेत अन्य आवश्यक सुविधाएं यथावत जारी रही।

बीएमएस हड़ताल से बाहर

केंद्रीय मान्यता प्राप्त 10 श्रमिक संघ ने हड़ताल का आह्वान किया। इसमें भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) शामिल नही है, जबकि वर्तमान में बीएमएस की सदस्य संख्या सबसे ज्यादा है। भाजपा समर्थित होने की वजह से संघ ने पहले ही हड़ताल से बाहर रहने का निर्णय लिया था। इसकी वजह से बीएमएस समर्थित सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता के साथ समर्थक निर्धारित समय पर ड्यूटी पर पहुंचे।

एलआइसी में भोजन अवकाश पर करेंगे प्रदर्शन

केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा प्रस्तावित हड़ताल में पहले सभी बैक शामिल थे, पर ऐन मौके पर बैंक में कर्मियों के संगठन हड़ताल से पीछे हट गए। एलआईसी में हड़ताल नहीं होगी, पर एलआईसी के श्रमिक संघ द्वारा दोपहर भोजन अवकाश के दौरान प्रदर्शन कर नारेबाजी की जाएगी।