मास्‍को । नेपाल के बाद यूक्रेन की जंग में फंसे भारतीय नागरिकों ने अपनी खौफनाक कहानी सुनाकर भारत सरकार से मदद मांगी है। ताजा मामले में 7 से ज्‍यादा भारतीयों के दल ने दो वीडियो जारी कर बताया किस तरह से उन्‍हें प्रताड़‍ित किया जा रहा है और जंग के मैदान में जबरन भेजा जा रहा है। इन भारतीयों की पहचान गगनदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, नरैन सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, हर्ष कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में हुई है। इसमें से 5 भारतीय पंजाब और दो अन्‍य हरियाणा के हैं। यह लोग वे टूरिस्‍ट वीजा पर रूस गए थे और रूसी पुलिस ने 10 साल जेल भेजने की धमकी देकर उन्‍हें हेल्‍पर के रूप में यूक्रेन की जंग में भेज दिया।
एक भारतीय ने बताया कि, हमें यह बताया गया कि हमें केवल हेल्‍पर के रूप में काम करना होगा। लेकिन उन्‍होंने हमें हथियारों और गोला बारूद की ट्रेनिंग के लिए शामिल कर लिया। अब हमें यूक्रेन भेजने की तैयारी है। रूसी सैनिक हमें भूखा रख रहे हैं और हमारे फोन को भी छीन लिया है। यह वीडियो 3 मार्च का बताया जा रहा है। रूस में फंसे भारतीय नागरिक ने बताया कि कई बार गुहार लगाई है, लेकिन रूसी सेना उनकी गुहार को अनसुना कर दे रही है। उन्‍होंने कहा, रूसी सेना ने हमें बताया कि हम एक साल के बाद ही जा सकते हैं। वे हमसे कह रहे हैं कि मदद करो ताकि रूस युद्ध जीत सके। 
वहीं एक अन्‍य भारतीय ने कहा कि हम भारतीय दूतावास और भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी मदद करें। यह हमारा अंतिम वीडियो हो सकता है। रूसी सेना हमें यूक्रेन में युद्ध क्षेत्र में भेजने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 100 भारतीयों को पिछले एक साल में रूसी सेना में शामिल किया गया है। इस बीच भारतीय व‍िदेश मंत्रालय ने कहा है कि उनके कड़े व‍िरोध के बाद कई भारतीयों को रूसी सेना से हटाया गया है। भारत ने कहा कि करीब 20 भारतीयों ने भारतीय दूतावास से मदद मांगी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा है कि भारत सरकार रूस के साथ पूरे मामले को लेकर संपर्क में है। इतना ही नहीं भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयास हो रहे हैं। इस खुलासे के बाद पुतिन सरकार चौतरफा घिर गई है।