धर्मशाला: जिला मुख्यालय धर्मशाला के समीप खनियारा से बहने वाली मनूणी खड्ड में बादल फटने से आई बाढ़ में लापता नौ लोगों में से अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, चंबा धरवाला के युवक लवली पुत्र सुरमा राम ने पहाड़ी चढक़र पूरी रात पेड़ के नीचे काटकर अपनी जान बचाई है। मृतकों में चैन सिंह पुत्र मुल्ख राज गांव कुमाछी डाकघर, जिला डोडा जम्मू कश्मीर, आदित्य ठाकुर पुत्र शिव कुमार निवासी गांव राख जिला चंबा, प्रदीप वर्मा पुत्र रामकांत वर्मा, चंदन पुत्र प्रदीप निवासी सोहानपुर उत्तर प्रदेश व संजय पुत्र हरवंश गांव पंखुरा नंगल नूरपुर के रूप में हुई है। तीन लोग अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड व स्थानीय लोगों सहित कंपनी के कर्मियों की टीमें रेस्क्यू के लिए तैनात हैं। वहीं, जिला प्रशासन मौसम साफ होने पर रेस्क्यू के लिए ड्रोन की भी मदद लेने की बात कह रहा है।

अभी जारी रेस्क्यू अभियान में बारिश सबसे बड़ी बाधा बन रही है। एडीएम कांगड़ा शिल्पी बेक्टा ने बताया कि बुधवार को दोपहर बाद सूचना मिली थी कि एक शव मनूणी खड्ड में देखा गया है, जिस पर जिला प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा था। रेस्क्यू टीम ने मौका से ऊपर की ओर प्रस्थान किया, तो दो शव मिले। जानकारी सामने आई है कि 13 लोग बाढ़ की चपेट में आए थे। इसमें पांच लोगों ने जंगल की तरफ भागकर जान बचाई थी, जिसमें एक युवक लापता हो गया था, जबकि चार लोग सुरक्षित पहुंच गए थे। इसके बाद कुल नौ लोग लापता चल रहे थे, जिसमें अब एक युवक के सुरक्षित मिलने पर आठ लोग बहे हैं, जिसमें पांच शव मिल गए हैं, जबकि तीन की तलाश जारी है।

एडीएम ने बताया कि बुधवार रात करीब 12 बजे तक इस बात की पुष्टि हो पाई थी कि छह लोग लापता हैं, जबकि एक जंगल की तरफ भागा है। अब तक पांच शव बरामद किए गए हैं, जबकि तीन लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन की ओर से प्रोजेक्ट में मौजूद श्रमिकों व ठेकेदारों की गणना की गई है। वहीं लेबर ठेकेदार गुरूवार को पुलिस थाना धर्मशाला के कार्यालय में इस घटना के संबंध में मिलने भी गए थे।

बरसात बन रही बाधा

एडीएम शिल्पी बेक्टा ने बताया कि रेस्क्यू में बरसात सबसे बड़ी बाधा बन रही है। प्रशासन की टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई हैं तथा बारिश थम जाती है, तो लापता लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन का भी सहारा लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को जल्द ढूंढ लिया जाएगा।

लापता लोगों की तलाश

डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि धर्मशाला के खनियारा में मनूणी खड्ड में प्रोजेक्ट में बहे मजूदरों के खोज को अभियान चलाया गया है। जिसमें पांच शवों को बरामद कर लिया गया है, उनमें एक शव को रेस्क्यू कर लाया जा रहा है। अन्य खोए हुए शवों को खोजने का भी प्रयास चल रहा है।

इंद्रूनाग के छोटे भाई तोरल के गूर ने पहले ही दी थी चेतावनी

तोरल और सिंडी माता मंदिर में लगातार फैलाई जा रही थी गंदगी

बड़े नाग को मारने की बात आई सामने, चांदी का नाग चढ़ाने के थे आदेश

धर्मशाला के खनियारा अंघजर महादेव मंदिर के साथ बहने वाली मनूणी खड्ड में बुधवार को बादल फटने से बाढ़ आ गई थी। खड्ड अपने सात आठ मजदूरों व कई उपकरणों व सामग्री को बहाकर ले गई। इस घटना को लेकर अब बड़ी बात सामने आ रही है, जिसमें देवभूमि के बारिश के देवता इंद्रूनाग के छोटे भाई तोरल स्वामी, जो कि धौलाधार की पहाडिय़ों में प्रोजेक्ट से ठीक ऊपर विराजमान हंै, के गूर ने खेल पात्र से पहले ही गंदगी को बहा ले जाने की चेतावनी दी थी। तोरल व सिंडी माता मंदिर के पहाडिय़ों के क्षेत्र में लगातार गंदगी फैलाई जा रही थी। इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट के कार्य के दौरान ही हमेशा इस स्थान पर रहने वाले एक बड़े नाग को मारने की बात सामने आ रही है, जिस पर गूर ने चांदी का नाग मंदिर में चढ़ाने का रास्ता भी सुझाया था।

बावजूद इसके आधुनिकता की दौड़ में कंपनी ने अपनी अंधी दौड़ जारी रखी, जिसके चलते अचानक उठे जलजले ने तबाही का बंबडर खड़ा कर दिया है। इस दर्दनाक हादसे को अब धार्मिक आस्था के साथ भी द्वारा जोड़ा जा रहा है। खनियारा के नड्डी क्षेत्र में रहने वाले विजय, खनियारा के ही अविनाश, अन्य बुजूर्ग लोगों व महिलाओं ने बताया कि अपनी जिंदगी में खड्ड का ऐसा भयानक रूप पहले कभी नहीं देखा।