इंदौर ।  भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित मध्य प्रदेश में भी बीजेपी के अध्यक्ष को बदला जाना है। यह कवायद लंबे समय से चल रही है। लेकिन पहलगांव हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व मानो दही जमा कर बैठ गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो अथवा प्रदेशों के अध्यक्षों का चुनाव भाजपा में किसी प्रकार की सुगबुगाहट ही बंद हो गई है। ऐसा लगता है कि अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा में किसी प्रकार का कोई निर्णय लेना ही नहीं है। ऊपर से बिहार चुनाव का शंखनाद हो चुका है और केन्द्रीय नेता अब बिहार की तरफ कूंच करने लगे हैं। इससे अब यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का फैसला बिहार चुनाव के बाह ही होगा। कार्यकर्ता भी यही मान कर चल रहे थे। लेकिन इस बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बीच इंदौर में बंद कमरे में हुई करीब आधे घंटे की मुलाकात ने एक बार फिर सुगबुगाहटों का दौर तेज कर दिया है। इस मुलाकात की हद तो तब हुई तब केन्द्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर को इन नेताओं से बात करने के लिए कमरे के बाहर करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा। काफी देर तक दोनों नेता बंद कमरे में बात करते रहे। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच प्रदेश अध्यक्ष को लेकर काफी गंभीर चर्चा हुई है। इस बात में कोई सक नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक तौर पर काफी प्रतिद्वंदिता मानी जाती है लेकिन कुछ मामलों में ये नेता आपस में मिल जाते हैं और यही तस्वीर गुरुवार को इंदौर में देखने को मिली जब दोनों नेता बंद कमरे में गुफ्तगू करते रहे और कार्यकर्ता कयास लगाते रहे। हांलाकि दोनों नेताओं ने बैठक को सामान्य बताया लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच एक बार फिर चर्चा का बाजार जरुर गर्म हो गया है कि दोनों नेताओं के बीच प्रदेश अध्यक्ष को लेकर गंभीर चर्चा हुई है और अब कभी भी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।