लंदन  । खतरनाक मंकीपॉक्स वायरस के वेरिएंट के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नामों की घोषणा की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स वायरस के वेरिएंट के लिए क्लैड-1, क्लैड -2 ए और क्लैड -2बी नाम दिया गया है जिसमें 2 बी वर्ष 2022 में फैले वेरिएंट का समूह है। एजेंसी ने बताया कि इस वायरस का नया नाम देने के पीछे का मकसद सांस्कृतिक और सामाजिक अपराध से बचना है।एजेंसी ने बयान जारी कर बताया कि मंकीपॉक्स के वेरिएंट्स को  क्लैड-1,  क्लैड -2 ए और क्लैड -2बी  नाम दिया गया है। पॉक्स वायरोलॉजी, इवोल्यूशनरी बायोलॉजी के विशेषज्ञों और दुनियाभर के अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधियों ने मंकीपॉक्स वायरस के ज्ञात और नए रूपों या समूहों के नामकरण की समीक्षा की।डब्ल्यूएचओ के मुताबिक नए पहचाने गए गए वायरस, बीमारियों और वायरस के वेरिएंट्स को ऐसे नाम दिए जाने चाहिए जो किसी भी सांस्कृतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या जातीय समूहों को अपराध करने से बचाते हैं और जो व्यापार, यात्रा, पर्यटन या पशु कल्याण पर किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम करते हैं। बयान में कहा गया, विशेषज्ञों ने मध्य अफ्रीका में पूर्व कांगो बेसिन क्लेड को 'क्लेड I' और पूर्व पश्चिम अफ्रीकी क्लेड को 'क्लेड 2' नाम दिया गया। बाद में इस संक्रमण में दो उपवर्ग शामिल किए गए हैं - 'क्लेड 2 ए' और 'क्लेड 2 बी'। इनमें 'क्लेड 2 बी' 2022 में फैले वेरिएंट का मुख्य समूह है।वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने मंकीपॉक्स के नए नाम तुरंत प्रयोग में लाने का सुझाव दिया है।