नई दिल्ली । कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने राज्य में पार्टी के एकजुट होने का दावा कर गुरुवार को कहा कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव अकेले और सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा तथा कांग्रेस 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 से अधिक सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत ज्यादा परवाह नहीं है, कि मुख्यमंत्री कौन होगा क्योंकि उनकी जिम्मेदारी कर्नाटक की भलाई के लिए कांग्रेस को जीत दिलाने की है। पिछले कुछ महीनों के दौरान कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच मतभेद की खबरें आई हैं। दोनों कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जाते हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। प्रदेश में अगले साल के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
शिवकुमार ने दावा किया कि कर्नाटक की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से विफल रही है और उसे पता है कि वह चुनाव नहीं जीत रही है, इसकारण ध्रुवीकरण का सहारा ले रही है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, जिस दिन से मैंने प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाली, उसी दिन से मैं विधानसभा चुनाव को लक्ष्य बनाए हुए हूं। मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि कर्नाटक में डबल इंजन की सरकार कोई योगदान नहीं दे रही है। लोग भी महसूस करते हैं कि कर्नाटक में कोई शासन नहीं है और यह ‘देश में भ्रष्टाचार की राजधानी’ बन गया है।"
सिद्धरमैया की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से जुड़े सवाल पर शिवकुमार ने कहा, मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं है कि कौन मुख्यमंत्री बनता है, कौन नहीं। मुझे जिम्मा मिला है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के लिये काम करना चाहिए ताकि राज्य का भला हो सके और लोगों को अच्छा शासन मिल सके। मुख्यमंत्री पद के चेहरे संबंधी सवाल पर शिवकुमार ने कहा, कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ेगी। यह पार्टी का फैसला है, यही निर्देश मुझे दिया गया है। प्रेम और पूरी टीम भावना के साथ यह सुनिश्चित करूंगा कि हम एकजुट रहें। हमारा सामूहिक नेतृत्व होगा।’’
टिकट वितरण से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि, कर्नाटक (कांग्रेस) में कोई गुटबाजी नहीं है। कर्नाटक (कांग्रेस) एकजुट है। सिर्फ चुनाव जीतने की संभावना (टिकट का) एकमात्र आधार होगा। हम टिकट देने में युवाओं और महिलाओं को सामने लाकर सामाजिक असंतुलन दूर करने वाले हैं। हम सभी साथ बैठकर टिकट वितरण को लेकर सर्वसम्मति से फैसला करने वाले हैं। कर्नाटक में पिछले कई महीनों से ध्रुवीकरण के मुद्दों के हावी रहने को लेकर उन्होंने भाजपा पर निशाना साधकर दावा किया कि अच्छा शासन देने और विकास में विफल रहने के कारण सत्तारूढ़ पार्टी ध्रुवीकरण का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, भाजपा के लोग जानते हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में विफल रहे हैं और उनकी सरकार अब नहीं आने वाली है। इसकारण वे सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
यह पूछने पर कि कांग्रेस ध्रुवीकरण की काट कैसे ढूंढेगी, उन्होंने कहा, हमारा मुख्य लक्ष्य यह है कि राज्य के लोग सुरक्षित रहें, शांति कायम रहे, सरकार विकासोन्मुखी हो तथा विकास पर ध्यान दे। हम भाजपा की तरह नकारात्मक मार्ग पर नहीं जाएंगे बल्कि कर्नाटक के विकास पर ध्यान देने वाले हैं। उन्होंने दावा किया, कर्नाटक सरकार में 40 प्रतिशत कमीशन का बोलबाला है। कोविड के समय भ्रष्टाचार हुआ, रोजगार में भ्रष्टाचार है। राज्य में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। इसलिए लोग महसूस करते हैं कि राज्य में नई सरकार होनी चाहिए।"