देश के तटीय राज्‍य गोवा पर्यटकों की पहली पसंद है। गोवा की खूबसूरती को यहां के समुद्र तट चार चांद लगाते हैं। तो वहीं अल्‍कोहल गोवा की संस्‍कृति को समृद्ध बनाती है। जिसमें गोवा की फेनी का स्‍वाद दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्ष‍ित करता है, जि‍समें इन दिनों अल्‍कोहल म्यूजियम तड़का लगा रहा है। गोवा में देश का पहला अल्‍कोहल म्यूजियम स्‍थापित किया गया है। 

गोवा में शुरू हुआ अल्‍कोहल म्यूजियम का नाम ‘ऑल अबाउट अल्कोहल’रखा गया है।  इस म्यूजियम की स्‍थापना उत्तरी गोवा के कैंडोलिम गांव में स्थानीय व्यवसायी नंदन कुडचडकर ने की है। ऑल अबाउट म्यूजियम में फेनी से जुड़ी सैकड़ों कलाकृतियां हैं, जिनमें बड़े, पारंपरिक कांच के बर्तन शामिल हैं। इनमें सदियों पहले स्थानीय काजू-आधारित शराब (फेनी) जमा की गई थी। वहीं इस संग्रहालय में सैनिकों के बर्तनों और लकड़ी के पात्र को भी दिखाया गया है। यहीं ऑस्ट्रेलियाई बीयर गिलास के साथ विश्व की दुर्लभ चीजों को भी प्रदर्शित किया गया है। इस म्यूजियम में काजू की फेनी की विशिष्ट और समृद्ध परंपरा को दर्शाया गया है। यहां फेनी के अतीत और वर्तमान की एक झलक भी मिलती है। जबकि यहां पर शराब के शौकीनों के लिए दुनिया की बेहतरीन शराब के साथ गोवा की मशहूर फैनी भी रखी गई है। इस म्यूजियम में काजू के फलों के फर्मेंटेशन से कैसे फेनी तैयार की जाती है। इसका भी इतिहास बताया गया है। यहां पर्यटकों को काजू की फेनी का स्वाद भी चखने को दिया जाता है।

देश का पहला अल्‍कोहल म्यूजियम पणजी से लगभग 10 किमी दूर उत्तरी गोवा के समुद्री तट सिंक्वेरिम और कैंडोलिम के पर्यटन केंद्र को जोड़ने वाले स्थान पर स्थित है। म्यूजियम 13 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसके अंदर चार कमरों में एग्जीबीशन के लिए पुराने मिट्टी के बर्तन रखे गए हैं। वहीं 16 वीं शताब्दी के माप उपकरण भी हैं, जो फेनी देते समय इस्तेमाल किए जाते थे। इसके अलावा एक प्राचीन लकड़ी का शॉट डिस्पेंसर भी मौजूद है। असल में संग्रहालय शुरू करने वाले नंदन कुडचडकर प्राचीन वस्तुओं के संग्रहकर्ता भी हैं।