श्योपुर ।   जिले में अभी तक देश का कोई भी प्रधानमंत्री नहीं पहुंचा है। यही वजह है कि पहली बार जब देश के प्रधानमंत्री के यहां आने को लेकर जिले के लोगों में काफी उत्साह है। इससे भी खास बात यह है कि प्रधानमंत्री अपने साथ ऐसी सौगात ला रहे हैं जिससे पूरे जिले की पहचान विश्व पटल पर एक नई पहचान स्थापित होगी

नई पहचान बनाने जा रहा आदिवासी बाहुल्य जिला श्योपुर 

चंबल अंचल का आदिवासी बाहुल्य जिला श्योपुर विश्व पटल पर अनपी नई पहचान बनाने जा रहा है। देश में 70 साल बाद मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण्य में चीते आ रहे हैं। नामीबिया से लाए जा रहे इन चीतों के स्वागत के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी यहां हैं। ऐसे में देशभर के लोग जहां अफ्रीकन चीतों के आने से खुश हैं वहीं श्योपुर के लोगों को ज्यादा खुशी इस बात की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आ रहे हैं। जिले के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब देश का कोई प्रधानमंत्री श्योपुर पहुंच रहा है।

पर्यटन का नया हब बनेगा जिला 

25 मई 1998 को श्योपुर को मुरैना जिले से अलग करके अलग जिला घोषित किया गया था। तब से अभी तक इस जिले में देश का कोई भी प्रधानमंत्री नहीं पहुंचा है। यही वजह है कि पहली बार जब देश के प्रधानमंत्री के यहां आने को लेकर जिले के लोगों में काफी उत्साह है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पूरे जिले वासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यहां आ रहे हैं। इससे भी खास बात यह है कि प्रधानमंत्री अपने साथ ऐसी सौगात ला रहे हैं जिससे पूरे जिले की पहचान विश्व पटल पर एक नई पहचान स्थापित होगी। 70 साल बाद चीतों के भारत आने से जिला पर्यटन का नया हब बनेगा। जिससे स्थानीय लोगों को आय के साधन मौजूद होंगे।

खुद निगरानी कर रहे सीएम शिवराज

श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण में 70 साल बाद चीतों की आवाज गूंजेगी। 17 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो अभ्यारण पहुंचेंगे। यहां वे अफ्रीकन देश नामीबिया से लाए जा रहे 8 अफ्रीकन चीतों को उनके नए घर कूनो पालपुर अभ्यारण्य में बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ेंगे। 70 साल बाद देश में आ रहे चीतों के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं। जिनकी निगरानी खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं। वन मंत्री विजय शाह के अलावा सरकार के अन्य मंत्री भी वहां पहुंच रहे हैं।

जिले को नई पहचान मिलेगी, श्योपुर की तस्वीर भी बदलेगी

बता दें कि मध्य प्रदेश के चंबल इलाके का यह सीमावर्ती जिला है। श्योपुर जिले की सीमा राजस्थान से लगती है। आदिवासी बहुल और प्रदेश का पिछड़ा इलाका माना जाना है। चीतों के आने से श्योपुर के लोग काफी उत्साहित हैं। लोगों का कहना है कि चीतों के आने से जिले को नई पहचान मिलेगी। जिससे आने वाले समय में पर्यटन, रोजगार के मौके और जिले के लोगों को आय के अन्य साधन भी मिलेंगे। इससे जिले को नई पहचान तो मिलेगी ही साथ श्योपुर की तस्वीर भी बदलेगी। 

मध्यप्रदेश पूर्व में भी चीतों का रहवास रह चुका है

विशेषज्ञ बताते हैं कि मध्यप्रदेश पूर्व में भी चीतों का रहवास रह चुका है। यहां के जंगल चीतों के रहने और वंशवृद्धि के अनुकूल हैं। मध्यप्रदेश का मौसम  दक्षिण अफ्रीका के मौसम से बेहतर है। कूनो में चीतों के पानी पीने के लिए कूनो नदी है। शिकार के लिए जंगलों में भरपूर संख्या में चीतल हैं। विशेषज्ञों को पूरी उम्मीद है कि अफ्रीका से आने वाले चीते यहां के जंगल में जल्द एडजस्ट हो जाएंगे।

पीएम के आने से होगा विकास

श्योपुर के रहवासी बेसब्री से पीएम मोदी के आने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि पीएम के आने के बाद जिले की तस्वीर बदलेगी। वर्तमान में श्योपुर में कोई भी बड़ा उद्योग और रोजगार के साधन नहीं हैं, जिसके चलते लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्य और अन्य जिलों में भटकते रहते हैं। वहीं, युवाओं के लिए रोजगार के साधन भी उपलब्ध नहीं हैं। जिसके चलते जिला अन्य जिलों से पिछड़ा है। यही कारण है कि यह जिला मध्यप्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल है। अभ्यारण्य से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित टिकटोली गांव में की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला राम बटोही कहती हैं कि उन्होंने अपनी आंखों से अब तक देश के किसी प्रधानमंत्री को नहीं देखा, उम्मीद है कि अब पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी यहां आ रहे हैं। वह काफी खुश नजर आ रही हैं साथ ही उम्मीद है कि जिले में रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।