भोपाल । चालू अप्रैल के महीने में ऐसा संयोग बन रहा है कि इसी महीने में -सभी धर्मों के तीज-त्योहर व महापुरुषों की जयंती आ रही है। अप्रैल महीने में हिंदू, सिख, जैन, ईसाई व मुस्लिम धर्म के लोगों का उत्सव कुछ दिनों के अंतराल में आ रहे हैं। एक महीने में ऐसा सुखद संयोग कम ही देखने को मिलता है। मालूम हो कि बीते दो अप्रैल से हिन्दू चैत्र नवरात्र मना रहे हैं, 11 अप्रैल तक मातारानी की भक्ति में श्रद्धालु लीन हैं। मंदिरों व घरों में घट की स्थापना करके मातारानी की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। नवरात्र के साथ ही मुसलमानों का पवित्र माह रविवार तीन अप्रैल से शुरू हो चुका है। रमजान भी चल रहा है। मसीही समुदाय के लोग 10 अप्रैल को पाम संडे का पर्व मनाएंगे। इसमें यीशु मसीह के कृतित्व-व्यक्तित्व को आत्मसात किया जाएगा। बाइबिल का सप्ताह भर नियमित पाठ होगा। गुड फ्राइडे 15 अप्रैल व इस्टर 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। इधर सिख धर्म को मानने वाले लोगों का अत्यंत पवित्र बैसाखी पर्व 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। बैसाखी पर ही गुरु गोबिंद सिंह जी ने पंच प्यारों को अमृत पान कराया था। फिर उनके हाथों से स्वयं अमृत पान करके खासला पंथ की स्थापना की थी। इसी कारण सिखों के लिए ये अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। बैसाखी पर गुरुद्वारा में श्रीगुरुग्रंथ साहिब का पाठ करने के साथ शब्द-कीर्तन किया जाएगा। इसी दिन 14 अप्रैल को जैन धर्मावलंबी अपने 24वें तीर्थकर भगवान महावीर की जयंती मनाएंगे। जैन मंदिरों में विशेष पूजन व अनुष्ठान करके जनकल्याण की कामना होगी। 14 अप्रैल को भारत के संविधान के निर्माता डा भीमराव आंबेडर की जयंती मनाई जाएगी। 12 अप्रैल से कार्यक्रम शुरू होंगे, जो 14 अप्रैल बाबा साहब आंबेडकर की जयंती तक चलेंगे। फिर 15 अप्रैल को बंगाली समुदाय के लोगों का नया वर्ष आरंभ होगा। बंगाली लोग सुबह शंखवादन करके नए वर्ष का स्वागत करेंगे। घरों में मां काली की पूजा होगी। तरह-तरह के पकवान बनाकर खुशी मनाई जाएगी। राजधानी के पंडित रामजीवन दुबे का कहना है कि ऐसा संयोग कम ही बनता है कि एक महीने में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों के तीज-त्योहार पड़े हैं। सभी प्रेमभाव से रहे। तीज-त्योहार मनाएं। कोरोना की पूरी तरह मुक्ति के लिए प्रभु से प्रार्थनाएं करें। इसी तरह सिख, जैन, मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों ने भी एक साथ पड़ रहे सभी धर्मों के तीज-त्योहारों व जयंतियों पर खुशी जताई है। इस बारे में भोपाल सर्वधर्म सद्भभावना मंच के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद मुद्गल का कहना है कि यह संयोग की बात है, कि सभी धर्मों के त्योहार पड़ रहे हैं। सभी धर्म सद्भावना के साथ त्योहार व महापुरुषों की जयंती मनाएं।