भोपाल ।  केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के बाद पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) अब प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल हो गया है। इस संगठन को अब किसी प्रकार की गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं होगी। वह किसी प्रकार का बैनर, पोस्टर नहीं लगा सकते हैं। इस संगठन के अर्थिक लेनदेन पर पूरी तरह से प्रतिबंध केंद्र सरकार ने लगा दिया है। केंद्र के इस फैसले के बाद राजधानी भोपाल में भी पुलिस सक्रिय हो गई है। पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्‍कर ने बुधवार सुबह राजधानी के पुलिस उपायुक्त से चर्चा करने के बाद विभिन्‍न थाना क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संकेत दे दिए है कि दोपहर तक पीएफआइ या उससे जुड़े सहयोगी संगठनों के ठिकानों पर कार्रवाई की जा सकती है। इधर, गुप्तचर एजेंसियों ने भी पीएफआइ व उससे सदस्‍यों के बैंक खातों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह कट्टरपंथी संगठन पीएफआइ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद पूरे देश में इस संगठन की पूरी तरह से कार्रवाई होना शुरू हो गई है। केरल, तमिलनाडु के बाद प्रदेश में इसका असर नजर आ रहा है। इंदौर, उज्जैन में इस संगठन के कार्यालयों में कार्रवाई शुरू हो गई है। भोपाल पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने बताया कि मामले में अधिकारियों से चर्चा कर ली गई है। इस संगठन पर कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के उक्‍त आदेश की समीक्षा की जा रही है।

पीएफआइ के अधिकांश नेता गिरफ्तार

गुप्तचर एजेंसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदेश में पीएफआइ से जुड़े अधिकांश नेता थे, उनको पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकियों को प्रतिबंधात्मक धाराओं में गिरफ्तार किया जा चुका है। उनको जमानत फिलहाल तो मिलना नहीं है। ऐसे में ज्यादा कुछ इस संगठन के पास अब बचा नहीं है। बाकी प्रतिबंध की खबर लगते ही भूमिगत हो गए हैं। उन्‍हें भी जल्‍द ही खोज लिया जाएगा। गौरतलब है कि बीते एक हफ्ते के दौरान एनआइए व एटीएस ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में दो बार पीएफआइ के ठिकानों पर दबिश देते हुए इस संगठन के 25 सदस्‍यों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। इसी सिलसिले में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात एटीएस ने भोपाल पुलिस के साथ मिलकर शाहजहांनाबाद इलाके में कार्रवाई कर इंदौर से जिलाबदर अब्दुल रऊफ बेलिम को हिरासत में लिया था।