कोलकाता । पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से शिष्टाचार भेंट की। विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष में हुई इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलबाजियां शुरू हो गई हैं। बाद में सदन में संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि वह एक समय शुभेंदु को भाई की तरह मानती थीं।
दोनों के बीच 2020 के अंत से अनबन शुरू हो गयी थी जब अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था तथा विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम में टीएमसी सुप्रीमो बनर्जी को हराया था। दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अधिकारी ने शिकायत की कि उनका नाम विधानसभा में संविधान दिवस कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में शामिल नहीं किया गया है। भाजपा नेता ने यह भी कहा था कि वह कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।
दोपहर में भोजनवाकाश के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नंदीग्राम के विधायक अधिकारी को भाजपा नेताओं मनोज तिग्गा और अग्निमित्रा पॉल के साथ मुख्यमंत्री के कक्ष में प्रवेश करते देखा गया। बैठक के बाद बनर्जी ने कहा मैंने शुभेंदु को चाय के लिए आमंत्रित किया था। अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी। इसका कोई और निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। मैंने चाय नहीं पी। 
कांग्रेस नेता कमुरजान चौधरी ने शिष्टाचार मुलाकात पर प्रतिक्रिया करते हुए दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दीदी-मोदी पैच-अप की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा केंद्र ने कल प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना के लिए धन जारी किया और बनर्जी पांच दिसंबर को मोदी से मिलने वाली हैं। आज मुख्यमंत्री ने शुभेंदु से मुलाकात की। ये सभी इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि ‘दीदी-मोदी पैच-अप’ की प्रक्रिया चल रही है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा बैठक से यह साफ हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सहमति है।