रायपुर :   दंतेवाड़ा का कटेकल्याण गांव कभी छत्तीसगढ़ का बेहद ही संवेदनशील क्षेत्र माना जाता था। जनवरी 2022 में कटेकल्याण गांव में दंतेवाड़ा नेक्स्ट अर्थात डेनेक्स नाम की फैक्टरी स्थापित होने के बाद यहां सब कुछ बदल गया है। कटेकल्याण से 10 किमी दूर रहने वाली सोनम मरकाम अपने दो साल के बच्चे के साथ संयुक्त परिवार में रहती हैं। सोनम के परिवार में कुल छ: सदस्य हैं लेकिन कमाने वाला सिर्फ एक सोनम का पति ही था। सोनम के सिलाई का शौक था, लेकिन उसके शौक को पूरा करने के लिए कोई साधन नहीं था, ऐसे में डेनेक्स सोनम के लिए उम्मीद की ऐसी किरण बनकर आया कि जिससे अब सोनम अपने पति के सामने हाथ फैलाती नहीं है बल्कि पति के हाथ में कुछ देती है

डेनेक्स में काम करने के लिए सोनम रोजाना 10 किमी दूर से बस में बैठकर आती है और वापस जाती है। आज सोनम हर महीने 7 हजार रूपए कमा रही है। सोनम की तरह ही 100 अन्य महिलाएं भी डेनेक्स कटेकल्याण में काम कर रही हैं और आर्थिक स्वावलंबन का इतिहास रच रही हैं। जनवरी माह से लेकर अब तक डेनेक्स कटेकल्याण से 45 हजार से ज्यादा कपड़े बेंगलुरू भेजे जा चुके हैं और नए आर्डर मिलने से काम निरंतर जारी है।

छत्तीसगढ़ शासन ने सोनम जैसी महिलाओं के जोश और जुनून को देखते हुए डेनेक्स की पांचवी यूनिट को छिंदनार में खोलने की मंजूरी दे दी है ताकि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति निरंतर बढ़ती रहे और प्रदेश महिला सशक्तीकरण की दिशा में नए मुकाम को हासिल करे।