नई दिल्ली । एक नए अध्ययन से पता चला है कि सबग्लेशियल ओवर डीपनिंग के कारण लद्दाख में पार्काचिक ग्लेशियर में अलग-अलग आकार की 3 झीलें बनने की संभावना है। जो ग्लेशियरों द्वारा नष्ट हुए बेसिन और घाटियों की एक विशेषता है। इनकी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्रीय जलवायु परिवर्तन के सबसे प्रत्यक्ष और स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे संकेतक के रूप मे हिमालय के ग्लेशियरों पर एक सदी से भी अधिक समय से क्षेत्र-आधारित जांच से लेकर आज तक के अत्याधुनिक रिमोट सेंसिंग दृष्टिकोण तक कई अध्ययन किए गए हैं। इसके विपरीत, हिमालय के ग्लेशियरों की बर्फ की मोटाई और उसके वितरण को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि, रिमोट सेंसिंग जैसे मौजूदा दृष्टिकोण सीधे ग्लेशियर की मोटाई का अनुमान नहीं लगा सकते हैं लेकिन जमीन भेदने वाले रडार के आधार पर, भारतीय हिमालय में ग्लेशियर की मोटाई पर बहुत कम अध्ययन किए हैं।