देहरादून। परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए कमर कस ली है। इस यात्रा में विभाग 24 घंटे यात्रा मार्गों पर नजर रखेगा। इसके लिए डायनेमिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसके 5 दस्ते यात्रा मार्गों पर तैनात रहेंगे। इसके अलावा नियमित प्रवर्तन दलों के साथ ही करीब 30 मोटर साइकिल दस्ते भी यात्रा और संपर्क मार्गों पर चेकिंग के लिए लगाए जाएंगे। वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में संचालित होने वाले इन दस्तों को चालान का अधिकार देने की तैयारी भी चल रही है।
उत्तराखंड की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली चारधाम यात्रा में हर साल ही देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पिछले वर्ष यात्रा में रिकार्ड 46 लाख से ज्यादा यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे। इस बार यात्रा के लिए पंजीकरण को लेकर जैसा उत्साह है।
ऐसे में यात्रा को निरापद बनाने की चुनौती सरकार के सामने रहेगी। इसे देखते हुए चारधाम यात्रा मार्गों पर वाहनों पर निगरानी को वृहद कार्ययोजना तैयार की गई है। कारण ये है कि यात्रा मार्गों पर हर साल सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। पर्वतीय मार्गों पर भले ही दुर्घटनाएं कम होती हैं, लेकिन इनमें मरने वालों का आंकड़ा अधिक होता है। ऐसे में वाहनों की गति सीमा आदि पर नियंत्रण बेहद जरूरी है।
इसे देखते हुए परिवहन विभाग यात्रियों के सफर को सुरक्षित करने के लिए मार्गों पर इस वर्ष डायनेमिक टास्क फोर्स की तैनाती कर रहा है। इन सभी को इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। इनमें गति सीमा नापने के लिए स्पीड रडार गन होगी तो इस फोर्स को चालान काटने के लिए मशीनें भी दी जाएंगी। शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर नजर रखने को एल्कोमीटर भी दिए जाएंगे। केदारनाथ मार्ग, बदरीनाथ मार्ग, यमुनोत्री, गंगोत्री व ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच तैनात रहेंगे। इनमें तीन पालियों में कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। ये दस्ते यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने में भी मदद करेंगे। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर अस्थायी चेकपोस्ट लगाने के साथ ही नियमित प्रवर्तन दल भी सक्रिय रहेंगे। इसका मकसद यह कि यात्रा के दौरान यात्रा को नियंत्रित करने के साथ ही अवैध वाहनों पर अंकुश भी लगाया जा सके।
परिवहन विभाग इस वर्ष यात्रा में जाने वाले सभी वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी कर रहा है। यह कार्ड परिवहन विभाग की वेबसाइट के साथ ही पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी बनाए जा सकते हैं। वेबसाइट में ग्रीन कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। ग्रीन कार्ड जारी तभी होंगे जब वाहनों को तकनीकी परीक्षण के लिए आरटीओ कार्यालय लाया जाएगा। 
चारधाम यात्रा के दृष्टिगत इस बार भी चार अस्थायी चेकपोस्ट बनाई जा रही है। अंतर इस बार यह है कि ये चेकपोस्ट हाईटेक होंगी और इनमें इंटरनेट कनेक्टिविटी भी दी जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि कर्मचारियों को बार-बार वाहनों में जाकर ग्रीन कार्ड नहीं देखने होंगे। वह कंप्यूटर में वाहन का नंबर डालेंगे। इससे सीधा यह पता चल जाएगा कि उन नंबर वाले वाहन का ग्रीन कार्ड बना है या नहीं। 
चारधाम यात्रा में वाहनों का संचालन इस वर्ष सुबह चार बजे से लेकर रात 10 बजे तक हो सकेगा। इसके लिए विभाग ने वाहनों के संचालन के लिए 18 घंटे का समय नियत किया है। गत वर्ष वाहनों के संचालन की समय सीमा सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक तय की गई थी।
यात्रा में इस वर्ष प्रवेश मार्गों पर आटोमेटेड नंबर प्लेट रिकगनिशन और क्लोज सर्किट कैमरों से भी नजर रहेगी। इसके लिए प्रदेश के सभी प्रवेश मार्गों पर एएनपीआर कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, चारधाम यात्रा मार्ग में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा सीसी कैमरे लगाने प्रस्तावित है। 
यात्रा के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्रा मार्ग पर सचल प्रवर्तन दस्तों की तैनाती के साथ ही चेकपोस्ट खोली जाएंगी। जल्द ही मोटर साइकिल प्रवर्तन दस्तों की भी तैनाती की जाएगी। गत वर्ष चारधाम यात्रा मार्गों पर हुई दुर्घटनाएं: टिहरी 40 पौड़ी 26, चमोली 12,  उत्तरकाशी 25, रुद्रप्रयाग 11 ।