बेटे को अनदेखा करने पर फूटा अभिमन्यु ईश्वरन के पिता का गुस्सा
नई दिल्ली : भारतीय बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन के पिता रंगनाथ ईश्वरन ने इंग्लैंड दौरे पर बेटे को नजरअंदाज करने पर नारजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उनके बेटे को मौका देने का आश्वासन दिया था। बता दें कि, दाएं हाथ के बल्लेबाज को अब तक भारत के लिए डेब्यू का मौका नहीं मिला है। 2022 में बांग्लादेश दौरे पर अभिमन्यु को टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें प्लेइंग 11 में मौका नहीं मिला।
'गंभीर ने किया था मौका देने का वादा'
रंगनाथन ईश्वरन ने उनके बेटे अभिमन्यु की अनदेखी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने 29 वर्षीय बल्लेबाज को आश्वासन दिया था कि उन्हें जल्द ही मौका मिलेगा। रंगनाथन ने विक्की लालवानी के साथ इंटरव्यू में कहा, 'गौतम गंभीर ने जब मेरे बेटे से बात की तो उन्होंने उसे भरोसा दिलाया कि देखो, तुम सही काम कर रहे हो, तुम्हें अपनी बारी जरूर मिलेगी, तुम्हें लंबे समय तक खेलने का मौका मिलेगा। मैं वो नहीं हूं जो तुम्हें एक-दो मैच के बाद बाहर कर दूं। मैं तुम्हें लंबा मौका दूंगा। मेरे बेटे ने मुझे यही बताया। पूरी कोचिंग टीम ने उसे भरोसा दिलाया कि उसे उसका हक मिलेगा, उसे लंबे समय तक खेलने का मौका मिलेगा। मैं बस इतना ही कह सकता हूं। मेरा बेटा 4 साल से इंतजार कर रहा है, उसने 23 साल कड़ी मेहनत की है।'
अभिमन्यु के सामने 15 खिलाड़ियों का हो चुका डेब्यू
अभिमन्यु को 2022 में बांग्लादेश दौरे पर टेस्ट टीम में चुना गया था। इसके बाद से वह कई दौरों पर टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उन्हें अब तक डेब्यू के लायक नहीं समझा है। उनके सामने 15 खिलाड़ियों का टेस्ट डेब्यू हो चुका है। इनमें केएस भरत, सूर्यकुमार यादव, यशस्वी जायसवाल, ईशान किशन, मुकेश कुमार, प्रसिद्ध कृ्ष्णा, रजत पाटीदार, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, आकाश दीप, देवदत्त पडिक्कल, नीतीश कुमार रेड्डी, हर्षित राणा, साई सुदर्शन और अंशुल कंबोज शामिल हैं।
'साई सुदर्शन की जगह मिलना चाहिए था मौका'
इंग्लैंड दौरे पर भारत के लिए दो खिलाड़ियों ने डेब्यू किया था। इनमें साई सुदर्शन और अंशुल कंबोज शामिल हैं। अभिमन्यु के पिता रंगनाथन का मानना है कि उनके बेटे को साई सुदर्शन की जगह मौका मिलना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा, 'उसे वन डाउन नीचे खेलना चाहिए था। साई सुदर्शन के लिए कोई बुरी भावना नहीं है। कृपया समझें कि मैं उसे जानता हूं, सभी मुझे जानते हैं। लेकिन सवाल यह है कि कौन सी जगह, यानी एक रन नीचे। वह कहां फिट बैठता है? आप मुझे बताइए 0, 31, 0, 61... वे अभिमन्यु को आजमा सकते थे, जिन्होंने ईडन गार्डन पर लगभग 30% मैच खेले हैं, जहां ग्रीन पिच होती है। उन्हें ग्रीन विकेट पर खेलने का अनुभव है। और रिकॉर्ड बताते हैं कि अभिमन्यु वह खिलाड़ी है जो लंबे समय तक पारी को संभाल सकता है।'
टीम प्रबंधन पर भड़के अभिमन्यु के पिता
रंगनाथन ने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन ने अभिमन्यु के साथ अनुचित व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि करुण नायर को तीसरे नंबर खेलने का मौका मिला जबकि उनके बेटे को नजरअंदाज किया गया। रंगनाथन ने आगे कहा, 'करुण नायर कभी भी वन डाउन नहीं खेले। वह विदर्भ के लिए हमेशा नंबर दो या नंबर थ्री पर ही खेले हैं। वह नंबर वन डाउन की दौड़ में कैसे आ गए? अचानक आपको ऐसे खिलाड़ी मिल जाएंगे जो नंबर चार और पांच पर खेलते हैं, वे टॉप ऑर्डर बल्लेबाज बन जाते हैं। लेकिन मेरा बेटा टॉप ऑर्डर बल्लेबाज है। वह नंबर तीन या चार पर भी नहीं जा सकता। वह सिर्फ ओपनर ही खेल सकता है।'