अमेठी के गौरीगंज जिला मुख्यालय पर स्थित बाबा दूधनाथ धाम का मंदिर काफी प्राचीन है. यह मंदिर काफी प्राचीन है. मान्यता है कि लोग यहां के संतों को भगवान का दर्जा देते हैं. लोग अपनी मान्यताओं को लेकर यहां आते हैं और बाबा सब की मनोकामना पूर्ण करते हैं.

बाबा दूधनाथ धाम में लोग अपनी अर्जी लगाते हैं. मान्यता है कि यहां अर्जी लगाने से बाबा मनोकामना पूरी कर देते हैं. यह मंदिर अमेठी जिले के गौरीगंज जिला मुख्यालय के चौक बाजार में स्थित है. मन्दिर में प्रतिवर्ष बड़ा भंडारा करीब तीन दिनों तक चलता है. इसके साथ ही भव्य शोभायात्रा भी निकलती है. मंदिर परिसर में अन्य छोटे-छोटे देवी देवताओं के मन्दिर भी हैं. जहां पर लोग दर्शन पूजन करते हैं.

जानिए कौन हैं बाबा दूधनाथ
कठिन तपस्या कर ईश्वर की साधना में लीन रहने वाले बाबा दूधनाथ बाबा बालक दास के शिष्य थे. बाबा बालक दास की शरण में रहकर वे गौरीगंज के इसी मंदिर परिसर में एक पेड़ के नीचे तपस्या किया करते थे. तपस्या करते हुए ईश्वर की साधना में वे इतनी लीन हो गए कि वह जो कह देते थे वह सही हो जाता था. ऐसे में लोग अब उनकी मूर्ति की स्थापना कर उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं. मंदिर शताब्दी वर्ष प्राचीन का है. हर वर्ष फरवरी माह में एक विशाल शोभायात्रा भी उनकी स्मृति में निकाली जाती है. शोभा यात्रा पूरे गौरीगंज कस्बे में भ्रमण करती है और फिर तीन दिनों तक बड़े भंडारे का आयोजन स्थानीय लोगों के सहयोग से होता है.

बाबा पूरी करते हैं भक्तों की सभी मुराद 

मंदिर के पुजारी प्रेम आचार्य ने बताया कि इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर सभी कष्ट दूर होते हैं. लोग अपने शुभ कार्यों की शुरुआत इसी मंदिर पर शुरू करते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां पर दर्शनों के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और बाबा दूधनाथ का आशीर्वाद लेते हैं.

भक्तों को मिलती है शांति

भक्त आरती देवी बताती हैं कि यहां पर हम वर्षों से आ रहे हैं. करीब 40 45 साल से हम लगातार यहां दर्शन पूजन करने आते हैं. यहां पर बड़ा सुकून मिलता है. मंदिर काफी प्राचीन है और पूजा पाठ के लिए हम सब यहां आते हैं. सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.