पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस यानी  (ISI) की भारत के खिलाफ नई साजिश का खुलासा हुआ है। खालिस्तान रेंफरेंडम के जरिए ये दुनियाभर के सिख अलगाववादियों को एकजुट कर रहे हैं। इनकी साजिश पहले भी नाकाम हो चुकी है, लेकिन ये अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई ने लाहौर में खालिस्तानी आतंकियों के साथ कई गुप्त बैठकें कीं। इनमें भारत के पंजाब प्रांत में अशांति फैलाने की नई साजिशों का ताना बाना बुना गया। इस साजिश में पाकिस्तान दुनिया भर में स्थित अपने दूतावासों की भी मदद ले रहा है। पाक दूतावासों से कहा गया है कि वे खालिस्तानी अलगाववादियों व आतंकियों को एकजुट करें, उन्हें पैसा और हथियार मुहैया कराकर पंजाब में गड़बड़ी फैलाने के लिए उकसाएं। इसके लिए आईएसआई ने 'खालिस्तान घोषणापत्र' (Khalistan Referendum) नाम से साजिश तैयार की है। 

फर्जी ट्विटर हैंडल बना लिए
कथित खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने अपने खालिस्तान रेफरेंडम के एजेंडे को फैलाने के लिए बड़ी संख्या में फर्जी ट्विटर हैंडल बनाए हैं। 1450 ऐसे फर्जी अकाउंट पाए गए हैं। इनका मकसद खालिस्तानी एजेंडे व खालिस्तान हैशटैग को इस सोशल साइट में ट्रेंड कराना है।

बीते एक माह में खालिस्तान रेफरेंडम के  समर्थन में 29032 ट्वीट किए गए हैं। इन्हें 7826 लोगों ने रिट्वीट किया। अक्तूबर में खालिस्तान के समर्थन में 334 नए ट्विटर अकाउंट भी बनाए गए। खालिस्तान का समर्थन करने वाले ट्विटर अकाउंट से हिजाब बैन, पाकिस्तान सेना, कश्मीर से जुड़े हैशटैग वाले ट्वीट भी सामने आए हैं। ये खाते ज्यादातर पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे हैं। अनेक खालिस्तानी ट्विटर अकाउंट को भी पाकिस्तान से ट्रेंड कराया गया। इन्हें पाकिस्तान, कनाडा, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन में बैठे खालिस्तान समर्थक समर्थन दे रहे हैं।