ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। सबसे खतरनाक माने जाने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए एक प्रायोगिक वैक्सीन के छोटे ट्रायल में आशाजनक नतीजे देखने को मिले हैं।
यह प्रयोग ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाए गए 18 नए मरीजों पर किया गया

एक रिपोर्ट के अनुसार यह प्रयोग ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाए गए 18 नए मरीजों पर किया गया। इनमें कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैला था। इन मरीजों को कीमोथेरेपी और उस ट्यूमर को हटाने वाली सर्जरी के बाद विशेषरूप से उनके लिए बनाई गई वैक्सीन की तीन खुराक दी गईं। तीन वर्ष बाद इनमें से 16 मरीजों का कैंसर खत्म हो गया।

आधे मरीजों की तीन वर्ष में कैंसरमुक्त होने की उम्मीद
हालांकि, शोधकर्ताओं ने माना कि केवल मानक देखभाल के जरिये ही आधे मरीजों की तीन वर्ष में कैंसरमुक्त होने की उम्मीद थी। यह वैक्सीन इस तरह डिजाइन की गई थी कि वो मरीज के ट्यूमर (नियोएंटीजेंस) के मुख्य जीन म्यूटेशन को निशाना बनाए।

इस वैक्सीन को इस तरह भी डिजाइन किया गया था कि वो मरीज के इम्यून सेल्स को इस तरह प्रशिक्षित करे ताकि वो इन म्यूटेशन को लेने वाली किसी भी सेल की पहचान करके उस पर हमला कर दे।

वैसे नतीजे हमारी उम्मीदों से बेहतर हैं
इस ट्रायल की अगुवाई करने वाले वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ ने कहा कि इस तरह के छोटे और कम समय वाले अध्ययन वैक्सीन के असर का नहीं बल्कि सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। वैसे नतीजे हमारी उम्मीदों से बेहतर हैं।

क्या है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर इस गंभीर बीमारी का एक घातक प्रकार है। आमतौर पर सर्वाइकल, ओवेरियन, यूट्रस, वजाइनल और वल्वा कैंसर महिलाओं के रीप्रोडक्टिव ऑर्गन को प्रभावित करते हैं। सर्वाइकल कैंसर इन्हीं में से एक है, जो सर्विक्स में शुरू होता है, इसलिए इसी नाम से जाना जाता है। सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) नाम के वायरस के कारण होता है। एचपीवी से संक्रमित सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा होता है।

सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचें
सर्वाइकल कैंसर से बचने का सबसे असरदार तरीका है, यौन रूप से सक्रिय होने से पहले, आमतौर पर किशोरावस्था के दौरान, पुरुषों और महिलाओं दोनों को एचपीवी वैक्सीन लगवाना।
कैंसर का कारण बनने वाले एचपीवी को फैलने से रोकने के लिए जरूरी है कि आप सुरक्षित यौन संबंध बनाएं। आप इसके लिए कंडोम या डेंटल डैम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट आदि करवाते रहें।