PF अकाउंट पर आया बड़ा अपडेट, सरकारी नियम भी जान लें....
ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे तो ज्यादा सैलरी और बढ़िया मौकों के लिए हर 2-3 साल में नौकरी बदलते हैं. लेकिन सैलरी बढ़ने की खुशी के साथ ही लोग अक्सर एक अहम काम को अनदेखा कर देते हैं जिसके कारण भारी टैक्स भी लग सकता है. दरअसल, हम यहां भविष्य निधि (PF) खातों के मर्जर की बात कर रहे हैं. नौकरी बदलने के बाद पीएफ अकाउंट को मर्ज करना काफी जरूरी प्रक्रिया है.
प्रोविडेंट फंड
प्रोविडेंट फंड एक अनिवार्य रिटायरमेंट बचत कार्यक्रम है जो सरकार के जरिए चलाई जा रही है. साथ ही यह स्कीम कई देशों में भी चलाई जा रही है. इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान शामिल है, जो रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंचने पर कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का इरादा रखता है. फंड का प्राथमिक उद्देश्य है कि लोगों के पास उनके रिटायरमेंट के वर्षों के दौरान आय का एक स्थिर स्रोत हो.
पीएफ अकाउंट
वहीं जब आप एक नौकरी शुरू करते हैं, तो आपको ईपीएफओ से एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्राप्त होता है. आपका नियोक्ता तब इस यूएएन के तहत एक पीएफ खाता खोलता है और आप और आपकी कंपनी दोनों इसमें हर महीने योगदान करते हैं. वहीं जब आप नौकरी बदलते हैं तो आप अपना यूएएन नए नियोक्ता को देते हैं, जो बाद में उसी यूएएन के तहत एक और पीएफ खाता खोलता है. जिसके कारण आपके नए नियोक्ता का पीएफ योगदान इस नए खाते में डाला जाता है. ऐसे में पुराने पीएफ खाते को नई नौकरी के साथ ही नए पीएफ खाते में मर्ज करना काफी जरूरी है.
पीएफ निकासी
हो सकता है कि किन्हीं कारणों की वजह से पीएफ खाते में जमा राशि को निकालना पड़ जाए. ऐसे में सरकारी नियमों के अनुसार यदि किसी कंपनी के साथ आपका कार्यकाल पांच साल से कम है और आपके पीएफ खाते में कुल जमा राशि 50,000 रुपये से कम है, तो आपको निकासी पर किसी भी टैक्स का भुगतान करने से छूट दी गई है. हालांकि, अगर राशि 50,000 रुपये से अधिक है, तो 10 प्रतिशत TDS कटेगा. इसके विपरीत, अगर आपने पांच साल की सेवा पूरी कर ली है तो आपके पीएफ फंड की निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
पीएफ खातों का विलय
अगर पीएफ खातों को मर्ज कर दिया जाता है तो यूएएन आपके सभी एक्सपीरियंस को जोड़ देगा. वहीं अगर पीएफ खातों को मर्ज नहीं किया जाता है तो प्रत्येक कंपनी का एक्सपीरियंस अलग-अलग जोड़ा जाएगा, जिसके कारण पैसे निकालने के दौरान टीडीएस भी कटेगा.