भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में गणेश चतुर्थी इस वर्ष 19 सितंबर से शुरू होने वाली है। भगवान गणेश एक पूजनीय देवता हैं जिन्हें ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है।

भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक सहित विभिन्न नामों से जाना जाता है। इस दिन आप अपने घर पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापाना करके पूजन कर सकते हैं। गणेश जी की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी। हालांकि इस दिन आपको रोजगार, सुख, समृद्धि, संकट को दूर करने, ग्रह दोष निवारण, सफलता आदि की कामना है तो आपको इनसे संबंधित गणेश जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों के जाप से आपको सफलता, शुभता और सौभाग्य प्राप्त होगा। गणेश चतुर्थी पर आप सच्चे मन से गणेश मंत्र का जाप करें, वे आपको खाली हाथ नहीं लौटाएंगे।

गणेश मनोकामना पूर्ति मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः

 ग्रह दोष निवारण गणेश मंत्र
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

 बिगड़े कार्यों को सफल बनाने का मंत्र
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

 गणेश जी को प्रसन्न करने का मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

 गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात्।

 गणपति षडाक्षर मंत्र: आर्थिक तरक्की के लिए
ओम वक्रतुंडाय हुम्

 रोजगार प्राप्ति का गणेश मंत्र
ओम श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

 सुख समृद्धि के लिए गणेश मंत्र
ऊं हस्ति पिशाचिनी लिखे स्वाहा