उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों का उत्साह दिनोंदिन कुलांचे भर रहा है। सबसे अधिक बुकिंग केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए हो रही है, लेकिन स्लाट के लिए सबसे ज्यादा मारामारी यमुनोत्री धाम में है। मां यमुना के दर्शन के लिए अभी से मई अंत तक स्लाट बुक हो चुके हैं।

दूसरी तरफ, गंगोत्री धाम में मई के लिए 34.99 प्रतिशत तो केदारनाथ धाम में 12.5 प्रतिशत और बदरीनाथ धाम में 35.5 प्रतिशत स्लाट खाली हैं। लेकिन, यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए स्लाट उपलब्ध नहीं होने के कारण मई में चारों धाम की यात्रा करने के इच्छुक तीर्थ यात्रियों को शेड्यूल बदलना पड़ रहा है।

हालांकि, गढ़वाल मंडल के आयुक्त का कहना है कि जो यात्री बिना पंजीकरण के धाम पहुंचेंगे, उन्हें आफलाइन पंजीकरण कराकर दर्शन कराए जाएंगे।

चारधाम यात्रा को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने इस बार चारों धाम में दर्शन के लिए स्लाट व्यवस्था लागू की है। प्रतिदिन के लिए दर्शनार्थियों की संख्या भी तय की गई है।

बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 18 हजार, केदारनाथ धाम में 15 हजार, गंगोत्री धाम में नौ हजार और यमुनोत्री धाम में 5,500 तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे। अन्य तीन धामों के मुकाबले यमुनोत्री में प्रतिदिन दर्शन के लिए निर्धारित यात्रियों की संख्या सबसे कम है। यह भी एक वजह है कि यमुनोत्री में दर्शन के लिए मई के स्लाट अभी से फुल हो गए हैं।

उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा का कहना है कि चारधाम आने वाले तीर्थ यात्रियों का शेड्यूल निर्धारित रहता है। चारधाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, लेकिन इस बार तीर्थ यात्रियों को यमुनोत्री के लिए ही स्लाट नहीं मिल पा रहा।

इससे उन तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो चारों धाम की यात्रा पर आना चाहते हैं। चारों धाम में एक साथ स्लाट नहीं मिलने के कारण उन्हें यात्रा का कार्यक्रम आगे खिसकाना पड़ रहा है।

बढ़ सकती है यात्रियों की संख्या, शासन स्तर हो रहा विचार

पर्यटन विभाग के उप निदेशक योगेंद्र गंगवार ने बताया कि यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है। धाम में प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या 5,500 से बढ़ाकर 7,000 किए जाने की उम्मीद है।

गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि अगर कोई तीर्थयात्री सुदूर क्षेत्र से बिना पंजीकरण कराए पहुंचता है तो उसका पंजीकरण कराके यात्रा कराएंगे। तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आएगी। आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था भी की जा रही है।