छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में एक शातिर ठग ने सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर आठ लाख रुपये ठग लिए। शातिर खुद को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी का भाई बताता था। ठग ने युवक का झांसा देने के लिए अपने साथ मंत्रालय के अलग-अलग दफ्तर में भी घुमाया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला जांजगीर कोतवाली क्षेत्र का है। 

जानकारी के मुताबिक, गढ़ौला निवासी विनय पाटले की करीब पांच साल पहले भैसो निवासी रतन गौराहा (56) और उसकी पत्नी गिरजा गौरहा (31) से परिचय हुआ। दंपती ने विनय को नौकरी का झांसा दिया। रतन ने उससे कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के छोटे भाई की तरह है। इस दौरान आरोपी दंपती उसे लेकर मंत्रालय भी गए। वहां अन्य लोगों को अफसर बताकर मिलवाया। 

आरोपियों ने झांसा दिया कि वह विनय की नौकरी सहायक विकास विस्तार अधिकारी (ADEO) के पद पर लगवा देंगे। इसके लिए आठ लाख रुपये की मांग की। इसमें से एक लाख रुपये अक्तूबर 2017 में विनय के घर जाकर ले लिया। फिर नवंबर में पांच लाख और मार्च 2018 में दो लाख रुपये का चेक लिया। काफी समय बीत गया, पर विनय की नौकरी नहीं लगी। इस बीच उसे पता चला कि जिन्हें अफसर बताकर मिलवाया, वे फर्जी थे। 

इसके बाद भी आरोपी दंपती नौकरी का झांसा देकर उसे घुमाते रहे। इस दौरान विनय उनसे रुपये लौटाने को कहने लगा। आरोप है कि 29 अक्तूबर को दंपती उसके पास आए और गाली-गलौज करने लगे। धमकी दी कि बार-बार रुपये मांगता है तो एक लाख देकर तेरा मर्डर करा देंगे। इसके बाद विनय थाने पहुंचा और मामला दर्ज कराया। पुलिस ने शनिवार को दबिश देकर आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।