दमोह के चर्चित विक्की रोहित सुसाइड केस में सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के करीबी को आरोपी बनाया था। इसे लेकर सियासत गरमा गई थी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के निर्देश पर जांच सीआईडी को सौंपी गई, जिसने गुरुवार को दमोह पहुंचकर इस मामले से जुड़े कई लोगों के बयान लिए।

दमोह के बजरिया वार्ड क्रमांक तीन में रहने वाले सेल्समैन विक्की रोहित की बुआ के बेटे प्रमेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि सीआईडी की टीम ने उसे सर्किट हाउस पर बुलाया था। वहां उससे पूछा गया कि अस्पताल में जब विक्की रोहित को लाया गया था तो उसके जेब में से क्या निकला था। मैंने बताया कि कुछ कागज निकले थे। उसने वह कागज अस्पताल चौकी पुलिस को दे दिए थे। विक्की रोहित शराब पीता था या नहीं, यह भी पूछा था। प्रमेंद्र ने बताया कि उसके सामने न तो कभी उसने शराब पी और न कभी गुटखा खाया।  

विक्की रोहित की आत्महत्या से जुड़े मामले में पुलिस ने सुसाइड नोट में दर्ज चार लोगों के नामों के आधार पर उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा के तहत मामला दर्ज किया था। दो दिन बाद जब केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल दमोह पहुंचे तो यशपाल ठाकुर के समर्थन में धर्मपुरा वार्ड के दर्जनों लोग उनके बंगले पर पहुंच गए। लोगों की बात सुनने के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री ने पुलिस पर गुस्सा निकाला था। मंत्री का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में जल्दबाजी की है। बिना जांच के एफआईआर दर्ज की है। न्याय मिलने तक मैं दमोह पुलिस की कोई भी सेवाएं नहीं लूंगा। इसके बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की जांच सीआईडी को दे दी थी।

विक्की के एक दोस्त का कहना है कि 22 जून की रात सुसाइड करने से पहले विक्की रोहित ने उसे व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। टीम देर रात तक पूछताछ करती रही। 23 जून की सुबह राशन दुकान के कमरे में सेल्समैन विक्की रोहित का शव फंदे से लटका मिला था। उसके पास दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला था। पुलिस उसे जब्त करती, उससे पहले ही वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। सुसाइड नोट में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के करीबी भाजपा नेता यशपाल ठाकुर, मोंटी रैकवार और दो सेल्समैन पर प्रताड़ना का आरोप लगाए थे। परिवार के लोगों ने अस्पताल चौराहे पर हंगामा किया और आरोपियों के खिलाफ FIR की मांग की।