नई दिल्ली । लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पास हो गया है। बिल पेश करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि यह विधेयक हमारी सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों में एकीकरण और एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे वे एकजुट और एकीकृत तरीके से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक में कोई अतिरिक्त वित्तीय निहितार्थ शामिल नहीं है। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में केंद्र सरकार, लगातार नए-नए सुधार के माध्यम से राष्ट्र को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। 
रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने, लगभग हर क्षेत्र में नई-नई पहलें की हैंI पुराने अनेक कानूनों का खात्मा किया हैI जहां जरूरत पड़ी है, वहाँ पुराने नियमों-क़ानूनों में संशोधन किया है, और जहाँ जरूरत पड़ी है, वहाँ नए नियम-कानून परिचय देना भी किए हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक, दो महत्वपूर्ण मकसदों को एक साथ पूरा करता है। यह हमारी सशस्त्र बल के तीनों अंगों के बीच एकीकरण, तथा संयुक्तता की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों का एकजुट, और एकीकृत तरीके से मुकाबला कर सकेंगे। यह एक ऐसा वातावरण बनाने में भी मदद करेगा, जो हमारे अंतर-सेवा संगठन में अनुशासन को मजबूत करेगा। 
राजनाथ ने कहा कि अनुशासन सेना की आत्मा है। यह उनके चरित्र और संकल्प को मजबूत करता है। यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के साथ-साथ, एक इकाई या स्थापना के सैनिकों को एकजुट करने में भी मदद करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मी, अपने संबंधित अधिनियम, यानी सेना अधिनियम 1950, नौसेना अधिनियम 1957 और वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत बनाए गए नियम और कानून के अनुसार शासन करते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्तता को पदोन्नति करने के लिए जो भावना होनी चाहिए, वह इस बिल में हैI