भोपाल । मध्य प्रदेश में चार जून को सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए 52 जिला मुख्यालयों पर मतगणना होगी। इस पर नजर रखने के लिए भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यहां पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत वरिष्ठ नेता उपस्थित रहकर प्रत्याशियों का मार्गदर्शन करेंगे। वकीलों की एक टीम भी जिलों से प्राप्त होने वाली शिकायतों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव आयोग को भेजने का काम करेगी। 25 मई को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के तीन-तीन कार्यकर्ताओं को मतगणना के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। ये जिलों में मतगणना अभिकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे।
कांग्रेस के प्रत्याशियों ने मतगणना में गड़बड़ी की आशंका जताई है। भोपाल में हुई समीक्षा बैठक में प्रत्याशियों ने आरोप लगाया था कि मतदान के समय प्रशासनिक अधिकारियों ने भाजपा के एजेंट की तरह काम किया है। मतगणना के समय भी ऐसे अधिकारी गड़बड़ी कर सकते हैं। इसके लिए सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। मतगणना अभिकर्ताओं को सतर्क रहना होगा और एक-एक गतिविधि पर पैनी नजर रखनी पड़ेगी। इसके लिए उन्हें मतगणना की प्रक्रिया से जुड़ी एक-एक जानकारी होनी चाहिए। यह देने का काम प्रदेश कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग से संबंधित कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया और उनकी टीम करेगी। सभी प्रत्याशियों से संगठन ने कहा कि वे 25 मई को तीन-तीन वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को भोपाल भेजें। इन्हें प्रदेश मुख्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर ये जिलों में जाकर अन्य अभिकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे।

कुछ नेता भोपाल तो कुछ प्रत्याशियों के साथ रहेंगे
मतगणना के दिन पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भोपाल तो कुछ प्रत्याशियों के साथ रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और जीतू पटवारी भोपाल से मतगणना पर नजर रखेंगे तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कुछ अन्य नेता राजगढ़ में उपस्थित रहेंगे। सभी विधायकों से कहा गया है कि वे मतगणना के दिन अपने क्षेत्र की लोकसभा सीट के प्रत्याशी के साथ मतगणना स्थल पर रहें। कहीं भी कोई गड़बड़ी होती है तो तत्काल उसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी जाए ताकि चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से बात करके हस्तक्षेप कराया जा सके।